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पल में दूर हो रहे सालों के शिकवे, लोक अदालत में आपसी रजामंदी से निपट रहे मामले, जिला न्यायालय के साथ शहर के कई इलाकों में लगे शिविरों में पहुंच रही भीड़

कटनी, यशभारत। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में आज जिले के समस्त न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। लोक अदालत को लेकर आज सुबह से ही जिला न्यायालय में काफी गहमागहमी नजर आई। सुबह से लोग अपने मामलों में समझौता और निराकरण कराने को लेकर न्यायालय पहुंचे। उधर नगर निगम द्वारा भी शहर के विभिन्न स्थानों पर शिविर का आयोजन करते हुए संपत्ति कर व जल प्रभार के सरचार्ज में छूट प्रदान की जा रही है। जानकारी के मुताबिक जिला न्यायालय में आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम विवाद के प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, निगोशिएबल इंस्टूमेंट के अंतर्गत चैक बाउन्स प्रकरण, पारिवारिक विवादों के प्रकरण, भू-अर्जन मामले, सेवा संबंधी मामले, राजस्व मामले एवं अन्य सिविल मामलों का आपसी समझौते के आधार पर राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं प्री.लिटिगेशन प्रकरणों का भी निराकरण किया जा रहा है।

26 खंडपीठों मेंं हुआ मामलों का निराकरण

बताया जाता है कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला न्यायालय एवं समस्त तहसील न्यायालयों में 26 खण्डपीठों का गठन किया गया था, इसके अलावा राजस्व न्यायालयों में भी लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए खण्डपीठों के माध्यम से मामलों का निपटारा किया गया। लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से 2805 प्रकरणों को आपसी समझौते से निराकरण के लिए रखा गया, साथ ही बैंक रिकवरी केस, फायनेंस रिकवरी केस, विद्युत बिल, वाटर बिल, दूरभाष बिल से संबंधित लगभग 7500 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को भी आपसी समझौते के लिये रिफ किया गया।

नगर निगम ने दिया छूट का लाभ

नगर निगम द्वारा करदाताओं को सम्पत्ति कर, जल प्रभार तथा अन्य उपभोक्ता प्रभार के सरचार्ज में छूट प्रदान करने के लिए शहर के पांच स्थलों में लोक अदालत शिविरों का आयोजन किया गया। राजस्व अधिकारी जागेश्वर पाठक ने बताया कि संपत्ति कर के ऐसे मामले, जिनमें कर और अधिभार की राशि 50 हजार रुपए तक बकाया है, उस पर मात्र अधिभार में 100 प्रतिशत तक की छूट दी गई। इसी तरह संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमे कर और अधिभार की राशि 50 हजार रुपये से अधिक और 01 लाख रुपये तक बकाया है, ऐसे मामलों में मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत तक की छूट दी गई, इसके साथ ही संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर और अधिभार की राशि 1 लाख रुपए से अधिक बकाया है पर अधिभार में 25 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की गई।

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