पतंग उड़ाते हुए कट गया था पैर, विधिक सेवा प्रकोष्ठ ने दिलाया साढ़े 24 लाख रुपए का क्लेम : पीडि़त की भर आई आंखें

जबलपुर यशभारत। विधिक सेवा सहायता प्रकोष्ठ द्वारा विगत दिनों आयोजित लोक अदालत में एक याचिकाकर्ता की अपील पर सुनवाई करते हुए दो बीमा कंपनियों, आदित्य बिरला और एचडीएफ सी जनरल इंश्योरेंस कंपनी को अलग अलग दावों के अनुसार कुल साढ़े 24 लाख रुपए देने का अवॉर्ड पारित किया।
मामले के तहत शांति नगर निवासी विकास ताम्रकार पतंग उड़ाने के दौरान छत से नीचे गिर गया था। इलाज के दौरान डॉक्टरों को उसका बायां पैर काटना पड़ा। विकास ने पूर्व में आदित्य बिरला इंश्योरेंस कंपनी और एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी से अलग अलग पालसियां ले रखी थी। आवेदक द्वारा क्लेम किये जाने पर दोनों कंपनियों द्वारा अपने स्तर पर जांच करते हुए दावा इसलिए अस्वीकार कर दिया कि आवेदक पहले से बीमारी से ग्रस्त था।
इस मामले को आवेदक ने विधिक सेवा प्रकोष्ठ की लोक अदालत में लगाया। प्रकोष्ठ के लोक अदालत अध्यक्ष उमाशंकर अग्रवाल के साथ सदस्य सीएमएचओ डॉ.रत्नेश कुरारिया और लोक निर्माण विभाग के ईई गोपाल गुप्ता की पीठ ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद एचडीएफ सी को दो दावों में कुल 10.74लाख रुपये और आदित्य बिरला इंश्योरेंस कंपनी को 13.75लाख रुपए देने के निर्देश दिये।
जिला विधिक सहायता अधिकारी मोहम्मद जिलानी ने बताया कि विधिक सेवा अधिनियम 1987 के तहत याचिकाकतार्ओं को नि:शुल्क सहायता प्रदान करने
के उद्देश्य से लोक अदालतों का आयोजन कर गरीब साधनहीनों को सहायता दिलाई जाती है। सबसे मुख्य बात यह है कि इसमें आवेदक को वकील की आवश्यकता नहीं होती है। वह स्वयं अपनी पैरवी कर सकता है साथ ही कोई कोर्ट फ ीस भी नहीं लगती है। साथ ही इसके फैसले को निचली अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। सिर्फ उच्च न्यायालय या और ऊपर इसे दायर किया जा सकता है।