
जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर मची गहमा-गहमी के बीच पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने एक बयान में कहा कि चुनाव कराना है या नहीं, इसका फैसला निर्वाचन आयोग लेगा। इसको लेकर एक प्रस्ताव राज्यपाल को सौंपा गया है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए पंचायत मंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को वापस किए बिना चुनाव करना संभव नहीं है।
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायत चुनाव निरस्त कराने के लिए मुहर लगा दी है, इसका प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल के पास भेजा गया है। मध्य प्रदेश कैबिनेट द्वारा प्रदेश में पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 9 (क) के अंतर्गत होने वाले पंचायत चुनाव के अध्यादेश को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर महामहिम राज्यपाल को भेजने का निर्णय लिया। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान राज भवन पहुंचकर राज्यपाल मंगु भाई पटेल से मिले और कुछ देर वहां रुकने के बाद वापस सीएम हाउस रवाना हो गए। माना जा रहा है कि सीएम शिवराज ने राज्यपाल को कैबिनेट की बैठक में लिए गए अध्यादेश वापस लेने के निर्णय से अवगत कराया है।
इसी अध्यादेश के आधार पर मध्य प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन अब अध्यादेश के वापस लिए जाने पर राज्य निर्वाचन आयोग के पास चुनाव कराने का आधार नहीं रहा। राज्यपाल द्वारा प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव निरस्तीकरण के लिए निर्देश दे सकते हैं। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद डा. नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश सरकार पंचायत राज्य संशोधन अध्यादेश वापस ले रही है। इस पर विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत होना था, लेकिन नहीं हो सका। अब सरकार राज्यपाल से इस अध्यादेश को वापस करने का प्रस्ताव देंगे।