नीट में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण नहीं देने पर मप्र सरकार को नोटिसः कोर्ट ने कहा जब कानून बनाया है तो फिर क्यों नहीं दे रहे लाभ

जबलपुर, यशभारत।
मध्यप्रदेश में यूजी नीट, एमबीबीएस में प्रवेश के लिए ओबीसी को आरक्षण अधिनियम एवं मध्य प्रदेश मेडिकल प्रवेश नियम 2018 के तहत ओबीसी वर्ग के छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण नहीं दिए जाने पर हाईकोर्ट ने मप्र सरकार को नोटिस जारी किया। जस्टिस शील नागू व जस्टिस एमएस भट्टी की खंडपीठ ने सुनवाई में हुई।
याचिका कर्ता की ओर से अधिवक्ता रमेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट में तर्क दिए गए कि सरकार की ओर से नियुक्त ओआईसी ने हाईकोर्ट में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से ज्यादा बताकर दिया था गलत हलफनामा जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने आदेश दिनाँक 13-7-2021 को होल्ड किया था ओबीसी का 13ः आरक्षण बल्कि हाइकोर्ट ने नही किया है स्टे ।
कोर्ट ने किया कमेंट
हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार क्यों नही देना चाहती ओबीसी को 27ः आरक्षण , जब सरकार ने कानून बनाया है तो मेडिकल में प्रवेश नियमानुसार क्यो नही दिया जा रहा है ओबीसी को 27ः के मान से दाखिला ।आरक्षण की कुल सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है नही है किसी कानून में वर्जित । भारत के संविधान के अनुच्छेद 141 नही है विधायिका पर बंधनकारी । शासन के नियुक्त विशेष अधिवक्ताओ के पूर्व हाइकोर्ट में शासन की ओर से नही रखा गया समुचित पक्ष इसलिए याचिका क्रमांक 5901-2019 में पारित आदेश दिनाँक 19-3-2019 नही है स्पीकिंग आदेश इसलिए उक्त आदेश है आवैधानिक ।
उक्त याचिका यू.जी.नीट में ओबीसी को 27 प्रतिशत के मान से प्रवेश नही दिए जाने का था मामला । याचिका कर्ता की ओर से आधिवक्ता रमेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह उदय कुमार, परमानंद साहू ने पैरवी की । यह याचिका सिवनी की उमा कहार ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनायक शाह और रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पैरवी की।