नहीं सुलझ रहा पेंच, अचानक दिल्ली बुलाए गए वीडी और हितानंद, आज जारी हो सकती भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची, कटनी के मामले में वीडी का सीधा दखल

कटनी। भाजपा जिलाध्यक्षों के नामों पर पेंच फंसने के बाद कल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को अचानक दिल्ली बुलाया गया। दोनों नेताओं से केंद्रीय चुनाव प्रभारियों की चर्चा के बाद आज करीब 40 जिलाध्यक्षों की पहली सूची जारी हो सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि कटनी के मैटर पर कोई खास विवाद नहीं है। इस क्षेत्र के लिए होने वाले फैसलों को प्रभावित कर लेने की क्षमता सांसद के तौर पर केवल वीडी शर्मा के पास है, और उन्होंने अपनी पसंद से पार्टी की टॉप लीडरशिप को अवगत करा दिया है। जिले के विधायक भी बहुत ज्यादा इस स्थिति में नहीं है कि वीडी शर्मा के किसी निर्णय पर अड़ंगा डाल सकें या अपनी पसंद के किसी नेता की ताजपोशी करा सकें। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि पार्टी केवल रायशुमारी के नतीजों पर ही आश्रित नहीं है बल्कि तटस्थ एजेंसी से कराया गया सर्वे भी महत्व रख रहा है।
संगठन पर्व में उम्दा प्रदर्शन करने वाला मप्र भाजपा संगठन अब जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में पिछड़ता नजर आ रहा है। तय समय सीमा पांच जनवरी तक अध्यक्षों की घोषणा नहीं हो पाई। वजह नामों पर सहमति नहीं बन पाना है। सूत्रों के मुताबिक दो जनवरी को रायशुमारी में 40 से ज्यादा जिलों पर सहमति बन गई थी। अब उसमें से भी कुछ जिलों में फिर विवाद शुरू हो गया है। इससे सूची अटक गई है। इस बार हालात ऐसे बन गए हैं जैसे विधानसभा की टिकट फाइनल हो रही हो। सोमवार को देर रात तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में सीनियर नेताओं के बीच मंथन चलता रहा। सीएम मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद समेत संगठन चुनाव से जुड़ी टीम शामिल रही। बताया जा रहा है कि इस बैठक में 40 नामों पर सहमति बनाकर पूरी सूची दिल्ली भेज दी गई थी, लेकिन कुछ अड़चन की वजह से दिल्ली दरबार में कल मंगलवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को अचानक बुलवा लिया गया। आज ज्यादातर जिलों को हरि झंडी मिल सकती है। इसके बाद संभावना है कि शाम तक पहली सूची जारी हो जाए। बताया जा रहा है कि जिन जिलों में बीजेपी के जिलाध्यक्षों के कार्यकाल को अभी एक से डेढ़ साल ही हुआ है वहां जिलाध्यक्ष रिपीट किए जा सकते हैं, इसके अलावा कम से कम 10 जिलों में महिलाओं को जिलाध्यक्ष की कमान इस बार सौंपी जा सकती है। कटनी में जिलाध्यक्ष दीपक टंडन को अभी कम समय हुआ है। वे निर्वाचित अध्यक्ष भी नहीं है, उन्हें रामरतन पायल के रिप्लेसमेंट के तौर पर लाया गया था। उनके पक्ष में एक बात यह भी जा रही है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जिले की चारों सीटें जीती तो लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा। इस दौरान हुए दो वार्डों के उपचुनाव में भी पार्टी को सफलता मिली। कटनी में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक भी टंडन के कार्यकाल में ही हुई। ये तमाम बिंदु उनके प्लस में जा रहे हैं, हालांकि चुनाव के दौरान आर्थिक अनियमितताओं के आरोप भी उन पर लगाए जा रहे हैं।
रिपीट के चांस ज्यादा, बदलाव की उम्मीद बहुत कम
भोपाल से मिल रही खबरों के मुताबिक कटनी जिले में बदलाव की उम्मीद बहुत कम है। जिन जिलों के जिलाध्यक्ष रिपीट किए जाने पर सहमति बन गई है उनमें कटनी का नाम भी शामिल है। इस बार प्रदेश के हर जिले पर दिल्ली हाइकमान की सीधी नजर है, और प्रदेश में पावरफुल रही टीम वीडी भी संगठन चुनाव में ज्यादा कुछ करिश्मा कर नहीं पा रही, किंतु अपने संसदीय क्षेत्र के फैसले में वीडी शर्मा प्रभाव डाल लेंगे, ऐसी खबरें मिल रही हैं। इस वजह से दीपक टंडन की वापसी की उम्मीद ज्यादा है। इस बात की भी संभावना बनी हुई है कि पूर्व महापौर शशांक श्रीवास्तव का नाम आरएसएस के चैनल से सीधे दिल्ली पहुंचा दिया जाए। जिला महामंत्री सुनील उपाध्याय ने चुनाव कार्य से जुड़े हर नेता के सामने हाजिरी दी है तो अश्वनी गौतम भी कई भोपाल के कई चक्कर लगा चुके हैं। पीतांबर टोपनानी, आशीष गुप्ता, अशोक विश्वकर्मा, सुरेश सोनी और अभिषेक ताम्रकार जैसे नामों को भी पार्टी ने विकल्प के तौर पर रखा है।
