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नर्सिग कौंसिल की रजिस्ट्रार को करो सस्पेंड , कल तक नियुक्त करो प्रशासक, रजिस्ट्रार ने 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त की

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नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े मामले में हाईकोर्ट का अहम आदेश

 

जबलपुर यश भारत। मध्यप्रदेश में खुले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों से संबंधित मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल की जनहित याचिका पर आज पुन: सुनवाई हुई | जिस पर आज चीफ जस्टिस एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच मे सुनवाई के दौरान नर्सिंग काउंसिल की ओर से पेश हुए उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कौंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता सिजू की ओर से शपथ पत्र पेश कर कोर्ट को यह बताया कि विगत वर्ष 2020-21 में खुले हुए 453 कॉलेजों में से 94 नर्सिंग कॉलेजों को इस वर्ष नवीनीकरण अनुमति नहीं दी गई है। तथा उक्त कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को भी अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है इसके अलावा अन्य 93 नर्सिंग कॉलेजों को संसाधन भवन उपलब्धता संबंधी जारे किये गये नोटिस का जवाब ना देने के कारण उनकी मान्यता को 22 अगस्त को निलंबित किया गया है। इधर हाईकोर्ट की चेतावनी के बाद रजिस्टर ने 93 कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी है।

 

कोर्ट को शपथ पत्र में यह भी बताया गया कि वर्ष 2021-22 में मध्य प्रदेश में नए सिर्फ 49 नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं जिनका पास उपलब्ध संसाधन व अन्य अहर्ताओं का पर्याप्त मात्रा में निरीक्षण एवं सत्यापन करने के उपरांत नियमनुसार ही अनुमति जारी की गई है ।

 

याचिकाकर्ता एसोसिएशन ने रजिस्ट्रार के शपथ पत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट में एक आवेदन पेश किया तथा वर्ष 2022 में खोले गए 49 में से 10 नर्सिंग कॉलेजों का उदाहरण पेश करते हुए बताया कि नए खुले कॉलेजों में भास्कर कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग , ग्वालियर , जे.एस.एस. कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग , भोपाल, रत्न ज्योति नर्सिंग कॉलेज, ग्वालियर सहित पिछले वर्ष के नवीनकरण किये गये स्नेह इंस्टीटयूट ऑफ़ नर्सिंग भोपाल तथा वैष्णवी नर्सिंग कॉलेज, भोपाल को ड्युप्लिकेट फैकल्टी होने के बाबजूद अनुमति जारी की गयी है |

याचिकाकर्ता ने आवेदन के साथ पांच कॉलेजों के फोटो पेश किये जिसमें क्राइस्ट ज्योति कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, सीधी, जे.एस.एस. नर्सिंग कॉलेज ग्वालियर,अपैक्स नर्सिंग कॉलेज भोपाल,फ्लोरेंस नाइटेंगल कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग भोपाल आर.के.एस. कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग भोपाल शामिल थे फोटो के माध्यम से कोर्ट को बताया गया कि कौंसिल के रिकार्ड में उपलब्ध कॉलेजों के भवन , लैब आदि सीधे जाहिर कर रहे हैं कि अनुपयुक्त भवनों में व फर्जी रूप से इंजीनियरिंग व बी.एड. कॉलेजों के भवन को किराए पर दिखाकर ,बैनर तानकर नर्सिंग कॉलेज दिखाया गया है और मान्यता इस वर्ष भी रेवड़ी की तरह नियम विरुद्ध बांटी गयी है याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता आलोक वागरेचा द्वारा दिए तर्को और प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने नर्सिंग कौंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता सिजू को तत्काल निलंबित करने के निर्देश शासन को दिए हैं तथा कल तक नर्सिंग कौंसिल में एक प्रशासक नियुक्त करने कहा है जो आगामी आदेश तक कार्यभार संभालेंगे | अब मामले की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी |

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