जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

नर्मदा घाटों पर समुचित सुविधाओं की जरूरत :  आस्था के केंद्र की अनदेखी , श्रद्धालुओं की फजीहत

नरसिंहपुर यभाप्र। आने वाली 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर क्षेत्र के सभी पुण्य सलिला मां नर्मदा के तटों पर श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रहेगी। वहीं पर्व विशेष की डुबकी लगाने को लेकर एक दिन पूर्व से ही नर्मदा घाटों पर भक्तजन पहुंच जायेंगे। पुण्य सलिला मां नर्मदा का पावन नर्मदा तट ककरा घाट पर गाडरवारा, तेंदूखेड़ा क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए जन आस्था का केंद्र बन गया है। यहां पर जिले के साथ साथ रायसेन और सागर जिले के श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रत्येक अमावस्या-पूर्णिमा को पहुंचा करते हैं। लेकिन उक्त घाट पर उत्तर तट पर समुचित सुविधाओं का अभाव बना हुआ है,जिससे श्रद्धालु परेशान देखे जाते हैं।

यहां पर सबसे बड़ी समस्या मुख्य सड़क मार्ग से घाट तक पहुंचने के लिए सड़क का कटाव हो जाने के कारण आवागमन में असुविधा हुआ करती है। तथा दोनों तरफ से भी कटाव हो गया है। जिससे पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी हुआ करती है। मुख्य सड़क से घाट तक सड़क की समुचित व्यवस्था की जरूरत है। चूंकि यह व्यवस्था दोनों तरफ से बनीं हुई है पुल के बाजू से भी कटाव हो जाने से आवागमन में परेशानी होने लगी है।

घाट पर नहीं हैं प्रकाश की व्यवस्था

इस घाट पर अक्सर कर श्रद्धालु पहुंचते रहते हैं। लेकिन यहां पर रात्रि के समय प्रकाश की व्यवस्था ना होने के कारण अंधेरे में ही आना जाना करना पड़ता है विशेष रूप से पुल से ही दोनों तरफ बड़े-बड़े हाईमास्क लगने से घाट पर पर्याप्त प्रकाश हो सकता है। चूंकि महिला वर्ग जो सोने चांदी के जेबर पहनकर आती है उनके लिए तथा उठाई गीरों से सावधानी की दिशा में यह व्यवस्था नितांत जरूरी है। साथ ही साथ अस्थाई सुलभ शौचालय की भी जरूरत है घाट पर स्वच्छता और गंदगी के मान से यहां पर्व विशेष पर अस्थाई तौर पर चलित शौचालयों की व्यवस्था की जाये।

मुख्य सड़क पर लगता है जाम

पर्व विशेष को लेकर श्रद्धालु जन एक दिन पूर्व से ही पैदल यात्रा करके पुण्य सलिला के तटों पर पहुंचा करतें हैं। गाडरवारा तेंदूखेड़ा सड़क मार्ग पर अक्सर कर भारी बाहनों का आवागमन जारी रहता है। इनकी आवाजाही प्रतिबंध लगे। दोनों तरफ से बड़ी संख्या में वाहनों के आवागमन के चलते घंटों जाम की स्थिति बनतीं है यहां पर उचित पार्किंग व्यवस्था भी नहीं लोग अपने दो पहिया और चार पहिया वाहन घाट तक लेकर पहुंचते हैं। कुछ दिन पूर्व ही इस मार्ग पर एक गंभीर घटना घटित हो जाने से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है और क्षेत्रीय लोगों के द्वारा प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह विंदु रखे भी गये हैं।

विभिन्न घाटों तटों पर लगते हैं मेले

पुण्य सलिला मां नर्मदा के पावन तट एवं भगवान ब्रह्मा की तपस्थली ब्रम्हांड घाट में मकर संक्रांति से नर्मदा जयंती तक तो 15 दिवसीय मेले का आयोजन हुआ ही करता है वहीं ककरा घाट बिल्थारी बारह सिमरिया छत्तरपुर घाट करोंदी शोकलपुर घाटों के साथ साथ मृगन्नाथ धाम पीपरवानी की पहाड़ी पर भी परम्परागत मेले का आयोजन हुआ करता है।इन मेलों में विशेष रूप से सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत हमेशा से महसूस की जाती रहती है। लेकिन पुलिस बल की कमी होने के कारण मुख्य स्थानों पर ही व्यवस्था के साथ इति श्री हो जाती है।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Youtube Channel