
जबलपुर, यशभारत। नकली इंजेक्शन प्रकरण में सुर्खियों में आए सिटी अस्पताल के संचालक सरबीत सिंह मोखा के काले कारनामों का खुलासा परत दर परत हो रहा है। सिटी अस्पताल में हर साल या हर माह कितना पैसा खर्च हुआ इसका पूरा हिसाब मेंनटेन है परंतु अस्पताल में कितनी आवक हुई इसका जिक्र कहीं नहीं है। एसआईटी की टीम लगातार अस्पताल के एकाउंट सहित अन्य दस्तावेजों का परीक्षण कर रही है। जांच में प्रारंभिक तौर में जो बात सामने आई है उसमें सरबजीत सिंह मोखा और अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों से मिलने वाले लाखों का हिसाब हजारों में दर्शाया है जबकि अस्पताल के खर्च का रिकार्ड बकायादा पूरी ईमानदारी से तैयार करके रखा है।
अस्पताल में भर्ती मरीजों की फाइनल सूची तैयार
एसआईटी की टीम नकली इंजेक्शन प्रकरण में पुख्ता सबूत जुटाने में लगी है। इसी के तहत दोबारा से मरीजों की सूची तैयार की गई जिसमें उन लोगों नाम शामिल जिनकी कोरोना से मौत हुई हैं। साथ उन मरीजों को भी शामिल किया गया है जो सिटी अस्पताल में अन्य बीमारियों को लेकर भर्ती हुए थे। एसआईटी टीम ने ऐसे मरीजों के घर-घर जाकर सच पता करेगी। मरीजों से पूछा जाएगा उनके इलाज में कितना पैसा खर्च हुआ और इलाज का उन्हें कितने का बिल मिला।
इंदौर जाएगी एसआईटी की एक टीम
सरबजीत सिंह मोखा के सबसे खास राकेश शर्मा के प्रोडक्शन वारंट लेकर व अन्य पहलुओं की जानकारी जुटाने जबलपुर एसआईटी की एक टीम इंदौर जाएगी। इधर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कांड में आरोपित सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा के बेटे हरकरण की तलाश में पुलिस संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है। उसकी तलाश होती रही परंतु एसआइटी उस तक नहीं पहुंच सकी।
गुजरात से तीनों आरोपियों को लाया जाएगा
इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह के सरगना सूरत गुजरात निवासी पुनीत शाह व कौशल वोरा के खिलाफ कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी कराया है। सपन जैन का प्रोडक्शन वारंट जारी करवाने के बाद पुलिस तीनों को एक साथ गुजरात से जबलपुर लाएगी। तीनों से पूछताछ के बाद इस बात का खुलासा संभव है कि सिटी हॉस्पिटल के अलावा जबलपुर में नकली इंजेक्शन और कहां खपाए गए थे। प्रकरण से जुड़े सभी पहलुओं पर छानबीन की जा रही है।