नई शराब नीति का विरोध:जबलपुर में 7 बार टेंडर बुलाने के बाद भी ठेकेदारों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी, आरक्षित मूल्य से कम पर शराब दुकानों का आया टेंडर

जबलपुर। नई शराब नीति में शराब दुकानों का मूल्य 10 प्रतिशत बढ़ाए जाने का विरोध जारी है। आबकारी विभाग के द्वारा 7 बार टेंडर बुलाए गए, लेकिन शराब ठेकेदारों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। शुक्रवार को हुए टेंडर में मुश्किल से दो ग्रुप शामिल हुए। दोनों ने तय मूल्य से कम कीमत पर टेंडर डाला। अब आबकारी विभाग ने शासन को पत्र लिखकर अभिमत मांगा है।
आबकारी विभाग द्वारा बुलाए गए टेंडर में पनागर और बरगी ग्रुप की दुकानों के लिए 7% व 19% कम कीमत पर टेंडर डाले गए। इसकी वजह से टेंडर नहीं हो पाया। जिले के 45 समूहों में अभी तक 26 समूहों को ठेका मिल चुका है। जबकि 19 समूहों का टेंडर होना बाकी हैं। इसके लिए 7 बार टेंडर बुलाए जा चुके हैं। 31 मार्च तक टेंडर की प्रक्रिया में ठेकेदारों को शराब दुकान आवंटन न होने पर शराब का संचालन आबकारी विभाग के द्वारा किया जाएगा।
713 करोड़ में इस बार ठेके का रिजर्व प्राइस रखा गया है
आबकारी विभाग के मुताबिक पूर्व में ठेका कंपनी प्रभा स्टार को 6 सौ करोड़ में ठेका दिया गया था। लेकिन नई शराब नीति के बाद 6 सौ करोड़ के ठेके को बढ़ाकर 713 करोड़ रुपए रखा गया है। जिसके लिए 1 फरवरी से ठेकेदारों को ऑनलाइन आवेदन मांगा जा रहा हैं। पूर्व में सभी दुकानों को सिर्फ दो क्षेत्र उत्तर और दक्षिण में बांटा गया था। लेकिन आबकारी विभाग ने इस पुरानी प्रक्रिया को बदला है।
45 समूह में बांटा गया है शराब दुकानों को
नई प्रक्रिया के तहत जिले की सभी दुकानों को 45 समूह में बांटा गया है। इसमें हर एक समूह में शहर की तीन से चार दुकानें रखी गई हैं। 1 अप्रैल से लागू होने जा रही नई आबकारी नीति को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए हैं। जिसमें शराब 20% तक सस्ती होने की बात कही जा रही है। वही देशी और अंग्रेजी शराब अब एक ही दुकान से मिल सकेगी। इसको लेकर आबकारी विभाग ने अपनी पूरी तैयारियां कर ली है।