दो बार जबलपुर आए थे पद्म विभूषण बिरजू महाराज

जबलपुर, । कथक नर्तक पद्म विभूषण बिरजू महाराज के निधन से जबलपुर के कला जगत व कला प्रेमियों के बीच शोक की लहर है। जबलपुर के शहीद स्मारक प्रेक्षागृह में बिरजू महाराज के कथक नृत्य को शहर के नृत्यसाधकों और कलाप्रेमियों को देखने का सौभाग्य मिला था।
एक बार नहीं बिरजू महाराज दो बार शहर आए और यहां आकर कथक की बारीकियों व विशेषताओं से नृत्यसाधकों को अवगत कराया। पहली बार स्पिक मैके संस्था जो बच्चों को भारतीय शास्त्रीय संगीत से परिचित कराने का काम करती है के द्वारा 1984—85 में शासकीय विज्ञान कालेज में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। जहां बिरजू महाराज ने नृत्यसाधकों को कथक के बारे में बताया था।
दूसरी बार बिरजू महाराज को 1984—85 में स्पिक मैके की अध्यक्ष रहीं गीता शरत तिवारी ने ही अखिल भारतीय महिला परिषद द्वारा पांच अक्टूबर 2014 को शहर की समाजसेवी चंद्रप्रभा पटैरिया की स्मृति में आयोजित समारोह में आमंत्रित किया था। उस समय बिरजू महाराज होटल नर्मदा जैक्सन में ठहरे थे और शाम को शहीद स्मारक प्रेक्षागृह में कथक की प्रस्तुति दी थी। बिरजू महाराज ने उस समय बताया था कि उन्हें कथक विरासत में मिला है। लेकिन उस समय इतना आसान नहीं था कथक करना और सीखना। पिता ने कम उम्र में ही साथ छोड दिया था तो जीवन में संघर्ष भी बहुत रहा। बिरजू महाराज के शहीद स्मारक में हुए कार्यक्रम को देखने शहर व आसपास से कलाप्रेमी इस आयोजन में पहुंचे थे।