दीपक सोनी टंडन दूसरी बार बने भाजपा जिलाध्यक्ष, पार्टी ने की अधिकृत घोषणा, सांसद वीडी शर्मा के क्षेत्र के तीनों जिलाध्यक्ष रिपीट, काम नहीं आया विधायकों का दबाव

कटनी। अंततः वहीं हुआ, जिसकी संभावना यशभारत ने अपनी खबरों में व्यक्त कर दी थी। कटनी जिले की भाजपा की कमान एक बार फिर दीपक सोनी टंडन के हाथ आ गई है। अब से कुछ देर पहले प्रदेश कार्यालय भोपाल से हुई घोषणा के मुताबिक दीपक सोनी टंडन को दोबारा पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। जारी सूची में कई और जिले के पार्टी प्रमुखों की घोषणा हुई है। दीपक की ताजपोशी से जाहिर हो गया कि खजुराहो संसदीय क्षेत्र में सांसद वीडी शर्मा की ही चली। उन्होंने संसदीय क्षेत्र के तीनों जिलों कटनी, पन्ना और छतरपुर में अपना दबदबा कायम रखते हुए अपनी पसंद के नेताओं को जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज करा दिया।
घोषणा होते ही दीपक सोनी टंडन के समर्थकों में उत्साह नजर आ रहा है। बधाईयों का सिलसिला शुरू हो गया। इसके पहले आज सारा दिन भाजपा जिला कार्यालय में हलचल रही। चुनाव प्रभारी हरिशंकर खटीक ने कटनी पहुंचकर मंडल अध्यक्षों और मंडल के प्रतिनिधियों की बैठक ली तथा प्रदेश हाइकमान की मंशा से सभी को अवगत कराया। इस बैठक में भी पात्र नेताओं को ही शामिल होने का अवसर मिला। इस बीच सूत्र बताते हैं कि जिलाध्यक्ष रिपीट होने की कंडीशन में संभावित आक्रोश और नाराजगी को परखने का काम भी आज की बैठक में कर लिया गया। एक तरह से घोषणा से पहले ही चुनाव प्रभारी ने डैमेज कंट्रोल की रणनीति पर आज सारा दिन काम किया। अध्यक्ष पद के दावेदारों को साधने के प्रयास चले। जिन नेताओं के नाराज होने की उम्मीद थी, उन्हें अनुशासन का पाठ पहले ही पढ़ा दिया गया।
इस वजह से दोबारा बनाया गया अध्यक्ष
कटनी जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष के निर्वाचन में इस बार अलग तरह की स्थितियां थी, लेकिन यह बात हर दावेदार को पता थी कि दीपक सोनी टंडन को काट पाना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं, वजह थी टंडन के पक्ष में बहुत सारी अनुकूल परिस्थितियां। पार्टी ने जिलाध्यक्ष के लिए जो गाइडलाइन तय की थी, दीपक सोनी टंडन उस पर पहले दिन से खरे उतर रहे थे। उम्र के मामले में तो वे फिट हैं ही, साथ ही उनके हिस्से पिछले कार्यकाल में अनेक उपलब्धियां दर्ज हैं। विधानसभा चुनाव में जिले की चारों सीटें पार्टी दीपक सोनी टंडन की अध्यक्षी में ही जीती। अलावा इसके लोकसभा चुनाव में कटनी जिले से भाजपा को अच्छी लीड मिली। दो वार्डों के उपचुनाव में भी भाजपा का परचम लहराया। कटनी में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक भी उनके ही अध्यक्षीय कार्यकाल में हुई। इसके अलावा पार्टी ने संगठन स्तर पर जो काम सौंपा उस पर टंडन और उनकी टीम एक्टिव नजर आई।
आरोप लगे, पर हाइकमान ने नहीं माना
दीपक सोनी टंडन पर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने आर्थिक अनियमितताओं से लेकर कई तरह के आरोप भी जड़े, जिनमें यह भी शामिल था कि उन्होंने पूरे कार्यकाल अपनी पसंद के लोगों को महत्व दिया। विद्यार्थी परिषद से जुड़े लोगों को जिला कार्यकारिणी के पदों पर आसीन कराने को लेकर भी उन पर निशाने साधे गए। यह भी आरोप लगे कि उनके कार्यकाल में पुराने भाजपाइयों की उपेक्षा हुई है। ये तमाम बाते जिलाध्यक्ष के अन्य दावेदारों ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंचाई भी लेकिन केंद्रीय और प्रदेश के नेताओं ने वीडी शर्मा की पसंद पर ही मुहर लगाई।
न विधायकों की चली और न किसी अन्य बड़े नेता की
भाजपा जिलाध्यक्ष के निर्वाचन में कटनी जिले के विधायकों की लामबंदी भी कोई काम नहीं आ सकी। यह सुना जाता रहा कि दीपक सोनी टंडन के रिश्ते विधायकों से मधुर नहीं है। अनेक मौकों में संगठन और विधायकों के बीच तल्खियां भी महसूस की गई। खबरें मिली कि जिले के सभी विधायक एक होकर कोई दूसरा नाम प्रस्तावित कर रहे हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया। वीडी शर्मा के प्रभाव और दिल्ली दरबार तक उनकी तगड़ी फील्डिंग के चलते विधायक भी अपनी पसंद पर मुहर नहीं लगवा सके। हालांकि अब विधायकों की ओर से यही कहा जा रहा है कि उन्होंने संगठन की प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
