कटनीमध्य प्रदेश

ड्रोन कैमरे से अपराधियों पर नजर रख रही आरपीएफ, कटनी जंक्शन के संवेदनशील एरिया में निगरानी, आदतन अपराधी और हिस्ट्री शीटर का इंडिकेशन भी बता रहा ड्रोन कैमरा

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कटनी, यशभारत। अपराधों की रोकथाम और अपराधियों को पकडऩे के लिए रेलवे सुरक्षा बल हाईटेक संसाधनों का उपयोग कर रही है। कटनी रेलवे जंक्शन के संदेवशनशील एरिया में आरपीएफ द्वारा ड्रोन कैमरे की मदद से निगरानी रखी जा रही है। एडवांस टैक्नोलॉजी वाले इन ड्रोन कैमरों की मदद से आरपीएफ को न केवल अपराधों को रोकने में मदद मिलगी, बल्कि संदिग्ध व्यक्तियों पर पर भी हर समय चौकसी रखी जा सकेगी। इसके अलावा यदि कोई आदतन अपराधी या हिस्ट्री शीटर ड्रोन कैमरे की पकड़ में आएगा तो इसका इंडिकेशन भी आरपीएफ तक पहुंचेगा, जिसकी मदद से अपराधिक वारदात को रोका जा सकेगा। खास बात यह है कि इसे मोबाइल पर भी देखा और ऑपरेट भी किया जा सकेगा।
आरपीएफ सूत्रों से मिली जानकारी में बताया गया है कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) द्वारा अब अपराधों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन कैमरों का उपयोग रेलवे स्टेशनों, ट्रेनों और रेलवे पटरियों के साथ अपराधिक गतिविधियों वाले एरिया पर निगरानी रखने के लिए किया जा रहा है, ताकि अपराधों को रोका जा सके और अपराधियों को पकड़ा जा सके। सूत्रों ने बताया कि रेल सुरक्षा बल को रेलवे द्वारा ड्रोन कैमरे दिए गए हैं। आरपीएफ कर्मियों के प्रशिक्षित होने के बाद बहुत जल्द इसका उपयोग शुरू किया जाएगा। ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल से किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अपराध की जानकारी आरपीएफ तक तत्काल पहुंच सकेगी।
ये है ड्रोन कैमरे की खासियत
ड्रोन कैमरे एक बड़े क्षेत्र को कवर कर सकते हैं, जिससे कम समय में अधिक क्षेत्र की निगरानी करने में मदद मिलेगी। ड्रोन कैमरों की मदद से अपराधियों को ट्रैक कर उन्हें पकड़ा जा सकेगाा। ड्रोन कैमरे रेलवे संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद करेंगे, जैसे कि रेलवे ट्रैक, स्टेशन और ट्रेनें। ड्रोन का उपयोग भीड़ नियंत्रण, खोज और बचाव अभियान, और रेलवे ट्रैक पर निरीक्षण के लिए भी किया जा रहा है। आरपीएफ कर्मियों को ड्रोन के संचालन और रखरखाव का प्रशिक्षण देने के बाद इसका उपयोग शुरू किया गया है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है ड्रोन कैमरे
बताया जाता है कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ड्रोन कैमरा इतने बड़े क्षेत्र को कवर कर सकता है, जिसके लिए अभी 8-10 आरपीएफ कर्मियों की आवश्यकता पड़ती थी। इस प्रकार यह सीमित जनशक्ति के उपयोग में पर्याप्त सुधार लाएगा, साथ ही रेलवे संपत्ति की सुरक्षा, क्षेत्र की संवेदनशीलता, अपराधियों की गतिविधि आदि पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे का उपयोग किया जा रहा है। इससे पूरे क्षेत्र की निगरानी के साथ ही अपराधी की सीधी गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ को सूचित किया जा सकेगा।

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