जबलपुरमध्य प्रदेश

डेंगू से नहीं राहत कोरोना दे रहा दस्तक अस्पताल पहले से फुल, कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे पर फिर- होगी बेड के मारामारी

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जबलपुर । डेंगू के साथ वायरल के कहर से शहर कराह रहा है, वही दूसरी तरफ कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच संक्रमण अपनी दस्तक दे रहा है जिसकी गवाही मंगलवार को आए कोरोना संक्रमितों के आंकड़े दे रहे है। हालत यह है कि डेंगू के चलते जहां अस्पताल भरें हुए है वहीं अब यह डर सता रहा है कि अगर कोरोना के आंकड़ें इसी तरह बढ़े तो दूसरी लहर की तरह एक बार फिर जबलपुर को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ जिला मलेरिया विभाग व नगर निगम के सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है, जमीनी स्तर पर तो कई कॉलोनियों में लार्वा विनष्टीकरण कैमिकल का छिडक़ाव अब तक नहीं हो रहा है और न ही मच्छरों को भगाने के लिए फागिंग वाहन ही सडक़ों में पर दिखाई दे रहे है। कई वार्ड अब भी इससे अछूते हैं। कई क्षेत्रों में सफाई ने होने ,नालियों ,खाली प्लाटों डेंगू का लार्वा पनप रहा है। हर तीसरे घर में लोग बुखार से पीडि़त है।

डेंगू मरीजों का आंकड़ा तीन सौ के हुआ पार
मंगलवार को कोरोना के 12 मरीज सामने आए हैं जबकि में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 300 के पार हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने आईसीएमआर व अन्य जाँच लैब में जो 181 नमूने जाँच के लिए भेजे, उनमें से 18 सैंपल को लैब में पॉजिटिव बताया गया। इन प्रकरणों को मिलाकर अब तक अधिकृत रूप से डेंगू इस सीजन में डेंगू बुखार से 333 लोग पीडि़त हो चुके हैं। शहर में सैकड़ों की संख्या में लोग इस मरीजों जानलेवा बुखार की चपेट में आ गए हैं। लगातार बढ़ते मामलों के चलते हॉस्पिटल में बेड मिलना मुश्किल हो हजार है। जाँच के लिए लैबों में सैम्पलों के लिए कतार लगी हुई है।
50 फीसद मरीज वायरल फीवर के
मेडिसिन विभाग की ओपीडी में जितने मरीज आते हैं उनमें से करीब 50 फीसद मरीज वायरल फीवर के होते हैं। बड़ी बात यह है कि इस बार वायरल फीवर में हल्का बुखार के साथ दस्त भी लग रहे हैं। वायरल फीवर के 20 से 30 फीसद मरीजों में यह तकलीफ देखने को मिल रही है। बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।इन दिनों वायरल निमोनिया के केस बहुत ज्यादा मिल रहे हैं। खांसी, बुखार, सांस में तकलीफ और बेहोशी के साथ बच्चे आ रहे हैं। महीने भर पहले की तुलना में निमोनिया के दोगुना मामले मिल रहे हैं। उन्हें हाई एंटीबायोटिक देना पड़ रहा है। समय पर इलाज शुरू हो जाए तो आसानी से बीमारी ठीक हो जाती है। सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज के परिजनों का कहना है बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बुखार से पीडि़त है।
अस्पतालों में बेड खाली नहीं मिल रहे
बीमारियों की रोकथाम की तमाम कवायद के बाद भी इसे रोकने में स्वास्थ्य विभाग लाचार दिख रहा है। रोजाना डेंगू के नए-नए मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। बुखार से बिगड़ रही हालत के बाद मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पतालों में बेड खाली नहीं मिल रहे है।
प्लेटलेट्स मिलने में अभी भी दिक्कत
भर्ती मरीजों को प्लेटलेट्स मिलने में अभी भी दिक्कत बनी हुई है। सौ से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों के बीच में सिर्फ एक निजी ब्लड लैब में सिंगल डोनल प्लेटलेट्स की सुविधा है। जिला मलेरिया कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार डेंगू लार्वा विनष्टिकरण के लिए जिले में 80 टीम बनाई गई है। जो कॉलोनियों में कैमिकल का छिडक़ाव के साथ लोगों को एहतियात बरतने की जानकारी दे रही है। वहीं मच्छरों का भगाने के लिए नगर निगम द्वारा धुंआ कराया जाता है। चेरीताल वार्ड की कई कॉलोनियों में कैमिकल का छिडक़ाव ही नहीं हुआ। यहां की न्यू कालोनी में तो नालियां जाम होने से लार्वा पनप रहा है। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी अनदेखी कर रहे हैं। कैमिकल का छिडक़ाव करने वाली टीम अभी तक कॉलोनी में नहीं पहुंची है। उधर रांझी की कुछ घनी आबादी में डेंगू के सबसे ज्यादा पॉजिटिव मरीज सामने आए है। उसके बावजूद रोकथाम की कवायद कुछ दिनों पहले तक उन कॉलोनियों में हुई लेकिन जैसे ही डेंगू की बीमारी जोर पकड़ी, वैसे ही नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कॉलोनियों में डेंगू लार्वा विनष्टिकरण कैमिकल का छिडक़ाव व धुंआ देना बंद कर दिया।
नागपुर की बसें हो प्रतिबंधित
नागपुर में जिस तरह से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है उसको देखते हुए अब नागपुर सहित महाराष्ट्र से आने वाली बसें भी प्रतिबंधित करना अब जरूरी हो चला है। अगर परिवहन विभाग इस तरफ उचित कदम तत्काल नहीं उठाता है तो जबलपुर में संक्रमितों की संख्या के आंकड़ों में और वृद्वि होने की संभावना है।

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