डायन कहकर काट दी चाची की गर्दन:मंदसौर में भतीजे ने तलवार मारकर हत्या की, बेटे के सामने तड़पते हुए निकली जान

मंदसौर के शामगढ़ के नायक खुर्द गांव में भतीजे ने अपने ही चाची की तलवार से गर्दन काटकर हत्या कर दी। घटना गुरुवार सुबह करीब 10 बजे की है। चाची और भतीजे के बीच किसी बात काे लेकर विवाद हाे रहा था। इसी दौरान गुस्साया भतीजा भीतर से तलवार ले आया और चाची के गर्दन पर वार कर दिया। तलवार लगते ही चाची नीचे गिरी और उसकी मौत हो गई।
वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए शामगढ़ स्वास्थ्य के केंद्र भिजवाया। टीआई गोपाल सूर्यवंशी का कहना है कि डायन के शक में में वारदात को अंजाम दिया गया है, हालांकि जमीन विवाद की भी बात सामने आ रही है। सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की जा रही है।

चाची पर था डायन होने का शक
टीआई सूर्यवंशी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि 20 साल के आरोपी विष्णु को 40 साल की चाची बाला बाई के डायन होने की आशंका थी। इसी के चलते आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया है, हालांकि कुछ लोग जमीनी विवाद में हत्या की बात कह रहे हैं। उधर, ग्रामीणों के अनुसार, परिवार में जमीन को लेकर विवाद चल रहा था और आज सुबह भी चाची-भतीजे के बीच विवाद हुआ था। वहीं, पुलिस अब मामले की जांच और हत्या के असली वजह के पीछे की कड़ियां जोड़ने में लगी है।
बेटा बोला – मेरे सामने मां को मारी तलवार
मृतका के बेटे गोविंद ने बताया कि मेरे बड़े पापा बालाराम ने मुझे पकड़कर नीचे बिठा दिया। विष्णु तलवार लेकर आया और मेरी मम्मी को काट डाला। वह मेरे सामने तड़प रही थी। मैं मां को बचाने के लिए चिल्लाया तो लोग आ गए। रिश्तेदार हुकुम सिंह का कहना था कि बालाराम, उसकी पत्नी, बेटा विष्णु (मुख्य आरोपी) और बहू सभी ने बाला बाई और उसके बेटे गोविंद को पकड़ रखा था। विष्णु और उसके परिवार के अन्य सदस्य बाला बाई और गोविंद को घसीटकर उनकी हत्या करने के लिए ले जा रहे थे। बाला बाई को मारने के बाद बेटे गोविंद की भी हत्या करने वाले थे, लेकिन मैं अचानक से आ गया। इन्होंने जमीन के लिए वारदात को अंजाम दिया है।
परिजनों ने शामगढ़ में लगाया चक्काजाम
गांव में हुई हत्या के बाद पुलिस शव को ट्रैक्टर ट्रॉली में लेकर लेकर पीएम के लिए शामगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी। यहां मृतका के परिजनों ने शव रखी ट्राॅली को बीच सड़क पर खड़ी कर चक्काजाम कर दिया। परिजन आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े थे। पुलिस की समझाइश पर परिजन शांत हुए और पोस्टमॉर्टम कराने के लिए तैयार हुए।