जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

ठंडी हवाओं के साथ लौटी ठंड, मंडला में न्यूनतम तापमान 5.1 : छाया रहा कोहरा

मंडला ।जिले में सर्दियों के मौसम में बदलते मिजाज से लोग परेशान है, कभी उमस तो कभी अचानक तेज ठंड पड़ रही है। नववर्ष के आगाज के बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कभी उछाल मार रहा है तो कभी कम हो रहा है। जिले में विगत दो तीन दिनों से ठंडी हवाओं के साथ ठंड की दोबारा वापसी हुई है।

 

दिनभर ठंडी हवाएं चलने के कारण जिला शीत लहर की चपेट में आने लगा है। विगत सप्ताह आसमान में बादल होने के कारण न्यूनतम और अधिकमत तापमान में उतार, चढ़ाव का दौर चलता रहा। विगत दो दिनों से बर्फीली ठंडी हवाएं चलने से कड़कड़ाती ठंड पडऩे लगी है।जानकारी अनुसार सोमवार को जिले में न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री और अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री रहा। मंगलवार को न्यूनतम तापमान में ज्यादा अंतर नहीं आया, लेकिन अधिकतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस नीचे उतर कर 23.6 डिग्री में पहुंच गया। जिसके कारण जिले में ठंड का असर बढ़ गया। बुधवार को न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की। मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री नीचे उतर 5.1 डिग्री पर पहुंच गया। जिसके कारण दिन भर जिला बर्फीली हवाओं के आगोश में रहा। ठंड से बचने लोग दिन भर जतन करत नजर आए। वहीं कान्हा क्षेत्र के भिलवानी बीट में भी न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री दर्ज किया गया। सुबह से ही घने कोहरे ने पूरे जिले को अपने आगोश में ले लिया था, सुबह 9.30 बजे तक कोहरा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में छाया रहा। घने कोहरे के बीच दोपहिया और चौपहिया वाहन चालकों को लाइट जलानी पड़ी।

10 जनवरी को नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बनने की संभावना 

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम विक्षोभ के कारण न्यूनतम और अधिकतम तापमान में हलचल हो रही है। वेस्टर्न डिस्टबेंस मध्य और ऊपरी छोभ मंडलीय पछुआ हवाओं के बीच सक्रिय है। उत्तर पश्चिम में उत्तर प्रदेश के ऊपर 0.9 किलोमीटर ऊंचाई में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के ऊपर 12.6 किलोमीटर ऊंचाई पर 250 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से जेट स्ट्रीम हवाएं चल रही है। अब 10 जनवरी से एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना जताई गई है।

पाला से बचाव के उपाए 

बताया गया कि जिस रात पाला पडऩे की संभावना हो उस रात 12 से 2 बजे के आस-पास खेत की उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाली ठंडी हवा की दिशा में खेतों के किनारे पर बोई हुई फसल के आसपास, मेढ़ों पर रात्रि में कूड़ा-कचरा या अन्य व्यर्थ पदार्थ जैसे घास-फूस जलाकर धुआं करना चाहिए, जिससे खेत में धुआं हो जाए एवं वातावरण में गर्मी आ जाए। धुआं करने के लिए उपरोक्त पदार्थों के साथ क्रूड ऑयल का प्रयोग भी कर सकते हैं। इस विधि से 4 डिग्री सेल्सियस तापमान आसानी से बढ़ाया जा सकता है।

कड़ाके की ठंड से कांपा मवई 

वनांचल क्षेत्र मवई को वैसे ही छोटा कश्मीर भी कहा जाता है। मवई क्षेत्र जिले के अंतिम छोर में बसा है। वहीं यहां मवई साल के जंगलों से अच्छादित भी है। जिसके कारण यहां का तापमान अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा कम ही रहता है। मवई विकासखंड सर्वाधिक ठंडा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। यहां प्राकृतिक रूप से ही चारों ओर हरियाली देखने को मिलती है। वर्ष 2025 की पहली कड़ाके की ठंड 7 – 8 जनवरी की दरम्यानी रात्रि में महसूस की गई। बताया गया कि 7 जनवरी की सुबह से ही शीत लहर चल रही है। शाम होते ही तापमान बहुत ज्यादा कम हो रहा है। 7- 8 जनवरी की दरम्यानी रात कड़ाके की ठंड महसूस की गई। बुधवार की सुबह मवई क्षेत्र में जगह जगह ओस की बूंदे जमी हुई दिखाई दी।

 

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