ट्रेनों की रफ्तार पर कोहरे का ब्रेक, घंटों देरी से आई महाकोशल, गोंडवाना, उत्कल, दयोदय सहित कई ट्रेनें

कटनी, यशभारत। उत्तर भारत में कडक़ड़ाती ठंड और घने कोहरे की वजह से टे्रनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। दिल्ली और अन्य शहरों से कटनी आने वाली गाडिय़ां घंटों देरी से चल रही है, जिसके चलते मुसाफिरों को ठंड में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली से आने वाली महाकोशल एक्सपे्रस घंटों देरी से चल रही हैं। इसके अलावा गोंडवाना एक्सपे्रस, चित्रकूट एक्सपे्रस, पवन एक्सपे्रस, दयोदय एक्सपे्रस सहित दिल्ली, प्रयागराग और बनारस की तरफ से आने वाली टे्रनें भी अपने निर्धारित समय से घंटो देरी से चल रही हैं। लगातार गिरते तापमान के चलते ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है। घने कोहरे और लो विजविलटी के कारण पिछले तीन दिनों से ट्रेनें लेट हो रही हंै। ऐसे में यात्रियों को ठंड का सामना करते हुए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है।
ये गाडिय़ां प्रभावित
जबलपुर की ओर जाने वाली गाड़ी संख्या 12190 महाकोशल एक्सपे्रस 7 घंटे, गाड़ी संख्या 22182 गोंडवाना एक्सपे्रस 2 घंटे, गाड़ी संख्या 12182 दयोदय एक्सपे्रस 2 घंटे, गाड़ी संख्या 17324 हुबली वीकली एक्सपे्रस 5 घंटे, गाड़ी संख्या 20934 उधना एक्सप्रेस 2 घंटे, गाड़ी संख्या 12296 संघमित्रा एक्सप्रेस 2 घंटे, गाड़ी संख्या 11274 इटारसी इलाहाबाद एक्सप्रेस 3:30 घंटे, गाड़ी संख्या 05586 रक्सौल एक्सपे्रस 2 घंटे, गाड़ी संख्या 18478 कलिंग उत्कल एक्सपे्रस 1 घंटे एवं गाड़ी संख्या 12824 छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सपे्रस 2 घंटे की देरी से आई।
कोहरे के कारण दिखाई नहीं देते सिग्नल
रेल अधिकारियों ने बताया कि सर्दियों में ठंड व कोहरे के कारण सिग्नल दिखाई नहीं देते, जिससे टे्रनें 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा चलाई जाती है। इसके अलावा सर्दियों में ट्रेन फ्रेक्चर की संभावना भी बनी रहती है। इसमें पटरियों के बीच लगे ज्वाइंट खुलने का डर बना रहता है। हादसे की संभावना को देखते हुए ट्रेन की रफ्तार धीमी रखी जाती है, हालांकि अब ट्रेनों की पटरी लगाने का सिस्टम बदल गया है। पहले कम लंबाई की पटरियां बिछाई जाती थीं लेकिन अब करीब 300 मीटर लंबी पटरी बिछाई जा रही है। जिसे ज्वाइंट करने के साथ-साथ आपस में जोडऩे के लिए विशेष किस्म की पट्टी का इस्तेमाल किया जाने लगा है।
