जिला आपूर्ति नियंत्रक निलंबित:खाद्य विभाग की 2500 से अधिक सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में बरती लापरवाही

खाद्य विभाग की सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में लापरवाही, राशन वितरण में अनियमितताओं के मामलों में कार्रवाई नहीं करने और समीक्षा बैठक में अभद्र व्यवहार करने वाले सागर के जिला आपूर्ति नियंत्रक राजेंद्र वायकर को सागर कमिश्नर मुकेश कुमार शुक्ला ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कमिश्नर शुक्ला ने उक्त कार्रवाई कलेक्टर के प्रतिवेदन पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के तहत की है।
निलंबन अवधि में जिला आपूर्ति नियंत्रक वायकर का मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय जिला पन्ना नियत किया गया है। वहीं वायकर की निलंबन अवधि में संयुक्त कलेक्टर सपना त्रिपाठी सागर को जिला आपूर्ति नियंत्रक का प्रभार सौंपा गया है।
जिले में सबसे ज्यादा खाद्य विभाग में शिकायतें लंबित
खाद्य विभाग में जिले की सबसे ज्यादा 2500 से अधिक सीएम हेल्प लाइन की शिकायतें लंबित हैं। शिकायतों के निराकरण के लिए जिला आपूर्ति नियंत्रक वायकर को कई बार निर्देश दिए गए। लेकिन उन्होंने शिकायतों के निराकरण को लेकर रूचि नहीं दिखाई।
राशन की कालाबाजारी के मामलों में कार्रवाई नहीं की
जिला आपूर्ति नियंत्रक वायकर 2 साल से सागर में पदस्थ है। इस दौरान खाद्यान्न वितरण में गंभीर अनियमितता बरती जाने और लापरवाही किए जाने की शिकायतें जांच में लंबित है। इनके द्वारा की जा रही लापरवाही के कारण शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में राशन की हेराफेरी व कालाबाजारी के प्रकरण समीक्षा में आए हैं।
शासकीय उचित मूल्य दुकानों के विरुद्ध जिला आपूर्ति नियंत्रक द्वारा कभी भी कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही जांच प्रतिवेदन भी प्रस्तुत नहीं किए गए। इससे संदेह बना हुआ है कि राजेन्द्र वायकर जिला आपूर्ति अधिकारी की सांठगांठ राशन की कालाबाजारी करने वाले व्यक्तियों से है। इन दुकानों की जांच और कार्रवाई राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारियों से कराई गई है।
समीक्षा बैठक में किया था अभद्र व्यवहार
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली सामधान ऑनलाइन के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग का नवीन राशन कार्ड जारी करना और नवीन पात्रता पर्ची बनाने के संबंध में विषय रखा गया था। इस संबंध में वायकर को 9 अगस्त को सूचना दी गई थी। 16 अगस्त को आयोजित समय सीमा बैठक में समीक्षा में पाया गया कि इनके द्वारा इस विषय के लंबित प्रकरणों के निराकरण में कोई रूचि नहीं ली गई है।
इनके द्वारा कार्य नहीं करने के कारण सागर जिला पूरे प्रदेश में 48वें स्थान पर है। इस संबंध में जब वायकर से जबाव मांगा गया तो उनके द्वारा समय सीमा बैठक में अभ्रद व्यवहार किया गया। इसके अलावा राजेन्द्र वायकर बिना अनुमति के अवकाश पर जाने और मुख्यालय से अनुपस्थित रहने के आदि है। जिला आपूर्ति नियंत्रक वायकर की इन लापरवाहियों को देखते हुए कलेक्टर दीपक सिंह ने प्रस्ताव बनाकर कमिश्नर को भेजा था।