जान बचाने के नहीं मिल रहे इंंजेक्शन, कोविड मरीज ने हाई कोर्ट में शासन के विरुद्ध दायर की याचिका

इंदौर। कोरोना के उपचार मेें मददगार बन रहे इंजेक्शनों की किल्लत और शासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जा पाने के विरुद्ध एक कोरोना संक्रमित मरीज ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है। जान बचाने के लिए एपल अस्पताल में उपचार करवा रही गंभीर मरीज मधु कावड़िया की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। संविधान में प्रदत्त जीवन के अधिकार आधार बनाते हुए शासन और जिला कलेक्टर के विरुद्ध याचिका दायर की गई है।
कोरोना से जूझ रही गंभीर मरीज मधु कावड़िया की ओर से वकील रोहित जैन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट से मांग की गई है कि याचिकाकर्त महिला की तबियत नाजुक है। उपचार कर रहे डाक्टर ने उन्हें तुरंत टोसीलिजुमेब (टोसी) या आइटोलिजुमेब इंजेक्शन लगाने की जरुरत बताई है। इंजेक्शन की तलाश मेें इंंदौर से लेकर अन्य शहरों की दवा दुकानों को तलासा गया लेकिन नहीं मिले।
राज्य शासन के अधिकारियों और जिले के कलेक्टर से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन सहायता नहीं मिली। मरीज के भाई अशोक डागलिया ने इस बारे में कलेक्टर इंंदौर को वाट्सएप पर भेजे गए संदेशों की प्रति भी याचिका के साथ कोर्ट में प्रस्तुत की हैै। हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से जनहित याचिका को सुनवाई के लिए जबलपुर स्थित मुख्य पीठ ट्रांसफर किया गया है।