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जबलपुर शिक्षा विभाग अनुकंपा नियुक्ति का मामला विधानसभा में उठा: विधायक विनय सक्सेना ने जिला शिक्षा अधिकारी को लिया आड़े हाथ

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जबलपुर, यशभारत। जबलपुर शिक्षा विभाग में गलत तरीके से हुई अनुकंपा नियुक्ति का मामला विधानसभा पहुंच गया है। जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी द्वारा की गई अनुकंपा नियुक्तियों को गलत ठहराते हुए जबलपुर उत्तर मध्य क्षेत्र विधायक विनय सक्सेना ने विधानसभा में प्रश्र उठाया है। विधायक ने स्कूल शिक्षा मंत्री से सवाल किया है कि अगर अनुकंपा नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई थी तो जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। विधायक के इस सवाल के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

विधायक विनय सक्सेना ने विधानसभा प्रश्र में कहा कि क्या म.प्र . शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 01/02/2021 के अनुसार दिवंगत शिक्षक / अध्यापक संवर्ग के वांछित योग्यताधारी आश्रितों को विज्ञान शिक्षक पद पर नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है ? ( ख ) प्रश्नांस ( क ) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ , तो क्या जिला शिक्षा अधि जबलपुर के आदेश क्रमांक 1241 दिनांक 09/02/2021 तथा क्रमांक 1995 दिनांक 22/02/2021 के माध्यम से दिवंगत लिपिक संवर्ग के अ को नियम विरुद्ध लापरवाही पूर्वक विज्ञान शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है

जिसे 6 माह गलत वेतन देने के बाद निरस्त / संशोधित गया ? निरस्तीकरण / संशोधन आदेश में न्यायालय से स्थगन होने के बाद क्या नियम विरुद्ध नियुक्त कर्मचारी वर्तमान में अपने पदों पर कार्यरत है यदि हाँ , तो जो नियुक्ति भृत्य पद पर होनी थी वह गलत तरीके से विज्ञान शिक्षक पद पर हो गई ? इस प्रकार दोनों पदों के देय वेतन में कितनां इसके लिए कौन दोषी है ? ( घ ) गलत नियुक्ति के कारण वेतन स्वरुप अधिक भुगतान होने से शासन को प्रतिमाह कितनी क्षति हो रही है ?। विधायक श्री सक्सेना ने कहा कि शासन के स्पष्ट आदेश दिनांक 01/02/2021 के बाद भी नियम विरुद्ध तथा लापरवाही पूर्वक गलत अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण में जिला शिक्ष अधिकारी जबलपुर के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ , तो कब तक ? यदि नही , तो क्यों ?

 

ये है पूरा मामला
शासन के आदेशानुसार शिक्षक और अध्यापक संवर्ग के मृत्य कर्मचारी के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देकर विज्ञान शिक्षक बनाया जाना था। लिपिक संवर्ग के मृत कर्मचारियों के आश्रितों को विज्ञान शिक्षक के पद पर नियुक्ति नहीं होनी थी। ऐसे कर्मचारियों के आश्रितों को भृत्य पद पर पदस्थ किया जाना था। लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए लापरवाही पूर्वक शासकीय नियुक्ति जैसे मामले में गड़बड़ी की गई। निर्देश के विपरीत जाकर जबलपुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी द्वारा लिपिक संवर्ग के मृत कर्मचारियों के आश्रितों को नियम विरूद्ध विज्ञान शिक्षक बनाया गया। जबकि उन्हें भृत्य पद पर नियुक्ति देनी थी। गलत नियुक्ति होने के बाबजूद वर्तमान में अभी तक गलत पद पर नियुक्त कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दोनों पदों के वेतन में लगभग 10 हजार का अंतर है। इस प्रकार जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर की गलती के कारण शासन को प्रतिमाह लगभग 20 हजार रूपए का अधिक भुगतान करना पड़ रहा है।

 

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