जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

जबलपुर मेडिकल डॉक्टरों की बड़ी उपलब्धि, युवती की श्वासनली को रिपेयर किया श्वासनली में छेद कराके कृत्रिम सांस ले रही थी 20 साल की युवती, अब नहीं होगी कोई परेशानी

कॉर्डिक सर्जरी और एनेस्थीसिया विभाग टीम ने युवती को दी नई जिंदगी

नीरज उपाध्याय

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र कॉलेज एवं चिकित्सालय के डॉक्टरों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एक ऐसी युवती को जिंदगी दी गई जिसने जीने की आस छोड़ दी थी। 3 साल पहले एक हादसे में 20 वर्षीय युवती की श्वासनली में चोट आने से वह ठीक से बोल नहीं पा रही थी, काफी परेशानियों का सामना उसे करना पड़ रहा था। यहां तक कि डॉक्टरों ने उसकी श्वासनली में छेद कर कृत्रिम संास लेने में सहायता की।

14 10

सिहोरा की रहने वाली है युवती
एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर विश्वनाथ ने बताया कि कुछ समय पूर्व सिहोरा जबलपुर की रहने वाली 20 साल की युवती गले में तकलीफ को लेकर पहुंची थी। जिसकी जांच की गई तो उसकी श्वासनली में प्रॉबलम समझ में आई। किसी हादसे में युवती को गले में चोट लगी थी जिसकी वजह से श्वासनली का नीचे का हिस्सा 2 सेंटीमीटर बंद हो गया था। इस वजह से उसे बोलने में भी परेशानी हो रही थी। केस थोड़ा कठिन था जिसमें कॉर्डिंक विभाग के डॉक्टरों की मदद ली गई। युवती की श्वासनली का जो हिस्सा बंद हो गया था उसे ऑपरेशन कर निकाला गया और नली का ऊपर वाला हिस्सा नीचे जोड़कर एक सफल ऑपरेशन किया गया। सफल ऑपरेशन में डॉक्टर लता और डॉक्टर दीपक का सहयोग के साथ मेडिकल अधिष्ठाता और अधीक्षक का मार्गदर्शन भी था।

10 11

3 साल पहले हुआ था हादसा इसके बाद शुरू हुई परेशानी
कॉर्डिक सर्जरी और एनेस्थीसिया विभाग टीम द्वारा ने श्वासनली का पुननिर्माण किया गया। करीब तीन साल पहले एक हादसे में चोट आने के कारण 20 साल की युवती को गले में परेशानी थी। इस बीमारी को ट्रेकिअल स्टेनोसिस भी कहा जाता है। दोनों विभाग की टीमों ने ट्रेकियोस्टोमी वाली लड़की का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। सीटी स्कैन में 2.2 सेमी लंबाई का सबग्लॉटिक स्टेनोसिस दिखाया गया है, जो श्वासनली के पूर्ण अवरोध के साथ वास्तविक वोकल कॉर्ड से 5 मिमी नीचे शुरू होता है। ट्रेकियोस्टोमी स्टेनोसिस से 1.5 सेमी नीचे मौजूद था।

11 11

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button