जबलपुर में अंग्रेजों की जमीन अब सरकार की : 1 अरब 72 करोड़ की जमीन पर टेंट वाला का था कब्जा

जबलपुर, यशभारत। सरकार की जमीन वापस पाने के लिए जिला प्रशासन का लगातार अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी है। सिविल लाइन स्थित ब्रिटिश काल की बेशकीमती जमीन को टेंट वाले से जिला प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराया।
जिला प्रशासन ने आज शनिवार को सिविल थाने के सामने और पुराने आरटीओ ऑफिस के पीछे की करीब 8.86 बेशकीमती शासकीय भूमि को अतिक्रमणों से मुक्त कराने की कार्यवाही प्रारम्भ की । रांझी तहसील के अंतर्गत ब्लाक नम्बर 23, प्लाट नम्बर 1 व 2 की इस भूमि का बाज़ार मूल्य लगभग 1अरब 72 करोड़ रुपये है ।

कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी के निर्देश पर पुलिस और नगर निगम के सहयोग से की जा रही इस कार्यवाही में यहां वर्षों पूर्व अतिक्रमण कर बनाये गये निमार्णों को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त किया जा रहा है। मौके पर अपर कलेक्टर नम: शिवाय अरजरिया, तहसीलदार रांझी श्याम नन्दन चंदेले एवं तहसीलदार आधारताल राजेश सिंह मौजूद हैं ।
अपर कलेक्टर नम: शिवाय अरजरिया के अनुसार ब्रिटिश काल की बर्न कोर्ट की यह भूमि शासन में वेष्ठित हो गई थी । इस भूमि को लेकर शासन और समदडिय़ा ग्रुप के बीच कानूनी विवाद चल रहा था । मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, जहाँ माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शासन के पक्ष में फैसला दिया गया ।
अपर कलेक्टर ने बताया कि इस भूमि पर अवैध रूप से मैरिज हॉल संचालित किया जा रहा था । एक वकज़्शॉप भी यहाँ बना ली गई थी । इसके अलावा यहां 20 से अधिक ठेले टपरे भी लगा लिये गये थे । कायज़्वाही में इन सभी को हटाया जा रहा है । अपर कलेक्टर नम: शिवाय अरजरिया के अनुसार सिविल लाइन स्थित इस भूमि पर पुनघज़्नत्वीकरण योजना के तहत कमिश्नर कायाज़्लय तथा प्रशासनिक अधिकारियों के आवासों को निर्माण किया जाना है ।
अनंततारा कॉलोनी का अतिक्रमण हटाया
जबलपुर – जिला प्रशासन द्वारा रांझी तहसील के अंतर्ग्त ग्राम तिलहरी में अनंतारा कॉलोनी में पवन जायसवाल पिता स्वगीज़्य श्री शिव प्रसाद जायसवाल द्वारा बंगला नम्बर 60 से लगी सार्व्जनिक मागज़् की भूमि पर किये गये अवैध निर्मा़्ण को ध्वस्त कर दिया गया । तहसीलदार रांझी श्याम नन्दन चंदेले के अनुसार खसरा नम्बर 267/1 की इस भूमि पर अवैध तरीके से 10 मीटर ऊंची दीवार उठा कर एवं जाली लगाकर अतिक्रमण किया गया था । अतिक्रमण राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं नगर निगम के अतिक्रमण दल द्वारा अलग किया गया ।