जबलपुर की नगर सत्ता किसके हाथों में !: मतगणना के 4 दिन शेष, भाजपा-कांग्रेस किसकी बढ़ेगी सीट,दावों पर जोर

जबलपुर, यशभारत। नगर सत्ता के लिए हाल ही में 6 जुलाई को संपन्न हुए चुनाव के बाद अब बेसब्री से मतगणना का इंतजार किया जा रहा है मतगणना के लिए 4 दिन का समय शेष रह गया है और सभी राजनीतिक दलों से जुड़े लोग कार्यकर्ता और प्रत्याशी जीत हार के गुणा भाग में लगे हैं चुनावी चर्चाओं में एक ही बात सामने आ रही है कि क्या इस बार कांग्रेस नगर सरकार बनाने में सफल होगी या भाजपा क्या कांग्रेस की सीट बढ़ेगी और भाजपा की कम होगी इसको लेकर भी आकलन और दावों का दौर जारी है ।

मतदान के दौरान वोट प्रतिशत में आई गिरावट और बड़ी संख्या में निर्दलीय तथा बागी उम्मीदवारों की चुनाव मैदान में होने से भी चुनावी मुकाबला रोचक होने के साथ ही उत्सुकता बढ़ाने वाला हो गया है। चुनाव में प्रमुख मुकाबला तो कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है लेकिन शहर कि कुछ वार्डो मैं बागियों की मौजूदगी और निर्दलीयों की चुनौती चुनावी चर्चाओं का प्रमुख विषय है । जिसके कारण यह संभावना भी जताई जा रही है कि चुनाव पर परिणाम चैंकाने वाले हो सकते हैं ।
पिछले चुनाव में 42 पर भाजपा तो कांग्रेस के 29 पार्षद थे
यदि पिछले नगर निगम चुनाव की बात की जाए तो पिछले चुनाव में शहर के 79 वार्डों में से 42 वार्ड में भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस के 29 प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाये थे । इसके अलावा छह निर्दलीय और शिवसेना के दो उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी हालांकि बाद में स्वतंत्र उम्मीदवारों में से दो कांग्रेस और तीन निर्दलीय भाजपा में शामिल हो गए थे । जिसके चलते सदन में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की सदस्य संख्या में इजाफा हुआ था।
बागी-निर्दलीय पर सबकी आंखें रहेगी
अब देखना यह है कि इस बार क्या स्थितियां निर्मित होती हैं बागी और निर्दलीय इस बार भी चुनाव मैदान में हैं इनमें से कितने जीत के करीब पहुंच सकते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा पार्षद प्रत्याशियों के अलावा चुनावी चर्चाओं में महापौर पद को लेकर भी उत्सुकता है पिछले चुनाव में महापौर पद भाजपा की झोली में गया था तो कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे स्थान पर जबकि तीसरे स्थान पर बसपा की प्रत्याशी रही इस बार के चुनाव में भी महापौर पद के लिए कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं अब देखना यह है कि जीत का सेहरा किस के सर पर सजता है।