चरगवां गौशाला में भीषण अग्नि दुर्घटना : तीन जानवरों की जलकर मौत, 3 झुलसे
बरगी विधायक संजय यादव ने फायर ब्रिगेड अमले की तैनाती करने लगाई गुहार

जबलपुर, यशभारत। चरगवां के ग्राम दपटिया में गौशाला के भूसे में लगी आग के कारण दो गाय और एक भैंसा आग में जिंदा जल गए तो वहीं गौशाला जलकर पूरी तरह से खाक हो गयी। धुंए के उठे गुबारों ने पूरी बस्ती को अपनी जद में ले लिया था, जिससे लोग घबरा गए और अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया। वहीं, गांव का रास्त पता नहीं होने से मौेक पर बिलंब से पहुंचे फायर बिग्रेड के अमले ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाकर आग को बमुश्किल काबू में किया। वहीं घटना के बाद बरगी विधायक संजय यादव ने कहा है कि क्षेत्र में अग्रि हादसों को रोकने के लिए क्षेत्र में एक भी फायर ब्रिगेड नहीं है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि क्षेत्र में एक दमकल वाहन की 24 घंंटे तैनाती की जाए।
चरगवां थाना प्रभारी विनोद पाठक ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पोहम सिंह और देवी सिंह निवासी ग्राम दपटिया के रहने वालीे है। दोनेां का मकान आसपास है। उन्होंने घर के बगल में गौशाला बना रखी थी। जिसमें 20 गाय-भैंसा बंधे थे।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
पुलिस ने बताया कि गौशाला के तीन हिस्से थे। जिसमें दो हिस्सों में तो जानवर बंधते थे, लेकिन तीसरे हिस्से में भूसा, कंडा और लकड़ी रहती थी। गौशाला कच्ची थी, जिसक ा छज्जा, बांस की बल्ली और लकड़ी के मलगे थे। वहीं साइड से बिजली के बायर गए थे। छज्जे से आग गौशाला के तीसरे हिस्से में लगी, जिसमें भूसा रखा हुआ था।
17 जानवरों को बचाया
पुलिस ने बताया कि छज्जे से धुंए का उठ रहे गुबार को जबतक मोहल्ले के लोगों ने देखा, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग भूसे से लड़की और कंडों में लगकर भीषण रुप ले चुकी थी। जिसके बाद आसपास के लोगों ने जल्द ही गौशाला से करीब 17 जानवरों को मुक्त कराया, लेकिन तीन जानवर पूरी तरह से आग की जद में आ चुके थे। जिन्हें नहीं बचाया जा सका। वहीं, इस अग्रि हादसे में तीन जानवर झुलस चुके है।
मौके पर पहुंची डॉक्टरों की टीम
आग लगने की खबर मिलते ही मौके पर चरगवां पुलिस के साथ डॉक्टरों की टीम पहुंची जो मृत हो चुके जानवरों का पीएम कर रही है तो वहीं हादसे में झुलसे तीन घायल जानवरों का इलाज जारी है।
क्षेत्र में एक भी दमकल वाहन नहीं
वहीं, घटना के बाद बरगी विधायक संजय यादव ने कहा है कि गर्मी में अग्रि हादसे होने की संभावना रहती है। लेकिन यदि क्षेत्र में ऐसा कोई हादसा होता है तो दमकल वाहन जबलपुर से यहां पहुंचने में देरी हो जाती है। साथ ही यहां के भौगोलिक स्थलों की पूर्ण जानकारी नहीं होने से फायर अमला रास्ता भूल जाता है, जिसके कारण अग्रि हादसे रोक पाना कठिन हो जाता है। उन्होंंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि क्षेत्र में फायर अमले की तैनाती की जाए। ताकि क्षेत्र में अग्रि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।