घर-घर सर्वे कर एक वर्ष में चिन्हित किए 1900 टीबी मरीज, 873 लोगों को मिला उपचार

मंडला, यश भारत। जिले में क्षय रोगियों की खोज के लिए स्वास्थ्य अमला मैदानी स्तर पर कार्य कर रहा है। जिले में इस वर्ष 1900 एक्टिव केस मिले है, जिसमें 858 पीड़ित उपचार ले रहे है। वहीं 873 पीड़ितों को उपचार और अच्छे पोषण से इस बीमारी से निजात मिल गई है। जिले में करीब साढ़े 12 लाख की आबादी के 10 प्रतिशत की जनसंख्या का एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे के अंतर्गत क्षय रोगियों की खोज के लिए घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान की जा रही है। चिन्हित मरीजों को शासन की योजनाओं के साथ बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के निर्देशित किया गया है। जिसमें संभावित लोगों की बलगम की जांच करानी है। एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे के अंतर्गत पूरे जिले में साल भर में 1900 संभावित केस मिले थे। जिन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा उचित सलाह के साथ उनका उपचार किया जा रहा है। शेष बचे पीड़ित भी जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। जानकारी अनुसार क्षय रोग की पहचान के लिए घर-घर स्वास्थ्य टीम द्वारा दस्तक दी जा रही है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुरू हुए एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे अभियान में मरीजों की खोज स्वास्थ्य अमले द्वारा की जा रही है। इसके साथ ही टीबी मरीजों की लोकेशन निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जिला क्षय अधिकारी डॉ सुमित सिंगौर ने बताया कि जिले में वर्ष 2023 तक 1900 टीबी मरीज चिन्हित किए गए हैं। टीबी रोग से लड़ने के लिए पीड़ित व्यक्ति को पोषण आहार के लिए प्रतिमाह राशि भी दी जा रही है। जिससे टीबी मरीजों को इस बीमारी से लड़ने में दवा के साथ पोषण आहार भी सहायक बने। बताया गया कि जिले में 12 लाख 62 हजार 533 की आबादी के 10 प्रतिशत की जनसंख्या में एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे के अंतर्गत क्षय रोगियों की खोज और पहचान करने की कवायद चल रही है। सर्वे अभियान के लिए स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर रोगियों की पहचान कर रहे है। जिले में वर्ष 2021 में 1527 टीबी मरीज, वर्ष 2022 में 1853 टीबी मरीज और वर्ष 2023 में 1900 टीबी चिन्हित किए गए। जिसमें वर्ष 2023 में 1900 टीबी मरीजों में 873 मरीज स्वस्थ हो चुके है। वहीं 858 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है। इसके साथ ही टीबी मरीजों की जियो टैगिग भी की जा रही है। जिससे टीबी मरीजों की लोकेशन निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जा सके। इसके साथ ही मरीजों के लिए आरोग्य साथी ऐप भी बनाया गया है। जिस पर मरीजों को टीबी से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त हो रही है।
मिल रहा पोषण आहार व ट्रैवल अलाउंस
जिला क्षय अधिकारी डॉ सुमित सिंगौर ने बताया कि क्षय रोग पीड़ितों को पौष्टिक आहार के लिए शासन द्वारा राशि प्रदान की जाती है। शासन ने स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश है कि क्षय रोग से ग्रस्त रोगियों के उपचार की बेहतर व्यवस्था की जाए। जिससे वह संक्रमण की चपेट में न आए, और क्षय रोगियों की मृत्यु दर नियंत्रित हो सके। विभाग ने रोगियों को नियमित रूप से दिए जाने वाली दवाएं तो उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन पोषण योजना के तहत पौष्टिक आहार के लिए प्रतिमाह 500 रुपए की राशि मरीज को दी जा रही है। जिससे क्षय रोगी अच्छा पोषण आहार लेकर स्वस्थ हो सके। इसके साथ टीबी मरीज को ट्रैवल एलाउंस 750 रूपए की राशि भी दी जा रही है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। जिले को टीबी मुक्त बनाने में निक्षय मित्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जिससे आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला टीबी मुक्त हो सके। बता दें कि निक्षय मित्र योजना टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल, शासकीय अधिकारी, कर्मचारी या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद लेकर टीबी मरीज के इलाज में उसकी मदद करने के साथ उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था करने में एक सहयोग दे सकते हैं। जिससे पीड़ित व्यक्ति को प्रति माह उस बीमारी से लडऩे में पोषण आहार का सहारा मिल सके। मंडला जिले में टीबी मरीजों की मदद के लिए 252 निक्षय मित्र मददगार साबित हो रहे हैं। जिसमें मंडला विकासखंड में सबसे ज्यादा निक्षय मित्र टीबी मरीजों को पोषण आहार उपलब्ध करा रहे हैं। बताया गया कि मंडला एवं बम्हनी में 81, नारायणगंज में 13, नैनपुर में 13, मोहगांव में 10, मवई में 14, घुघरी में 04, बीजाडांडी में 58, बिछिया में 39, निवास में 20 निक्षय मित्र पोषण आहार देकर सहयोग कर रहे हैं।
—————————-000—————————