घमापुर में नाले में समा गया गरीब का मकान : पिता और भाई मलबे में दबे, मोहल्ले वालों ने कच्ची दीवार की मिट्टी-बल्लियां हटाकर दोनों को किया अस्पताल में भर्ती

जबलपुर, यशभारत। घमापुर के बरऊ मोहल्ला में किसी तरह से गुजर-बसर कर रहे एक परिवार का करीब आधी रात को नाले के किनारे बना हुआ कच्चा मकान भरभराकर नाले में समा गया। गनीमत यह रही कि जैसे ही मकान गिरने की आवाज मोहल्ले वालों ने सुनी, तुरंत अपने-अपने घर से सब्बल लाकर मलबे में दबे पिता और भाई को किसी तरह निकाल लिया गया। दोनों घायलों को विक्टोरिया अस्पताल में एडमिट किया गया। लेकिन भाई को सीने में चोट होने की वजह से उसे मेडिकल रेफर कर दिया गया था। अब दोनों की हालत खतरे से बाहर है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है।
जानकारी अनुसार सरोज रैकवार ने बताया कि उसके पिता कंधी लाल रैकवार उम्र 60 वर्ष और अरुण रैकवार उम्र 21 वर्ष दोनों मकान में देर रात सो रहे थे। तभी करीब 12.30 बजे मकान भरभराकर गिर गया। मकान के किनारे नाले की सीत के कारण कच्ची मिट्टी धस गयी। जिसके बाद दोनों सो रहे पिता और पुत्र मकान के मलबे में दब गये। जिसके बाद मची चीख पुकार के बाद मोहल्ले वालों ने मोर्चा समाला और पीडि़त परिवार को किसी तरह ढहे मकान से निकालकर तुरंत विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां से कंघी लाल को पैर में चोट होने की वजह से छुट्टी दे दी गई, परंतु अरुण के सीेने में चोट थी। जिसके बाद उसे मेडिकल रेफर किया गया था। दोनों की हालत फिलहाल स्थिर है।
नहीं मिला आवास योजना का लाभ
पीडि़त सरोज रैकवार ने बताया कि उसके पिता अंडे की रेढी लगाते है और भाई बकरिया चराता है। वह स्वयं सिलाई करती है जिसके बाद जैसे तैसे घर चल पाता है। आवास योजना का फार्म भरते लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक ना सुनी और कार्यालय से चलता कर दिया था। जिसके बाद किसी तरह डॉक्यूमेंट कम्प्लीट करवाए, लेकिन अब फार्म ही नहीं भर रहे। तो योजना का लाभ कैसे मिलेगा।