ग्वालियर से कर्नाटक मजदूरी करने गए युवक की मौत : परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप, किया चक्का जाम

ग्वालियरlग्वालियर से ठेकेदार के साथ मजदूरी करने कर्नाटक के हसन गए युवक की मौत हो गई। हसन से ग्वालियर लाकर परिजन और रिश्तेदारों ने उसका शव सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया। परिजन का आरोप था कि ठेकेदार और उसके साथियों ने मिलकर युवक की हत्या की है। इसलिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और परिवार को हार्दिक सहायता दी जाए। चक्का जाम की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। लेकिन परिजन बिना एफआईआर मानने को तैयार नहीं थे लेकिन चार घंटे से अधिक समय बीतने के बाद परिजन कार्रवाई के आश्वासन पर मान गए और जाम खोल दिया।
-दरअसल जनकगंज थाना क्षेत्र के जीवाजीगंज निम्बाजी की खो निवासी 36 साल का राजेन्द्र कुशवाह के परिजन ने बताया कि राजेंद्र मजदूरी करता है और 4 मई को उसको जीवाजीगंज के रहने वाले ठेकेदार महावीर कुशवाह उर्फ लल्ला कर्नाटक के हसन में एयरपोर्ट निर्माण कार्य में मजदूरी के लिए उसे लेकर गए थे। महावीर के साथ भगवान सिंह कुशवाह, आकाश और रवि भी गए हुए थे। अचानक उसकी 19 मई को परिवार वालों को मौत होने की सूचना मिली। कर्नाटक हसन पुलिस ने मर्ग कायम कर उसका पोस्टमार्टम कराया और उसका शव परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद आज 24 मई की सुबह म्रतक राजेंद्र के परिवार वाले शव को लेकर ग्वालियर पहुंचे और जनकगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मीगंज चौराहे पर उसका शव सड़क पर रखकर परिजन और रिश्तेदारों ने चक्का जाम कर दिया। मृतक की मां चन्द्रकला ने बताया कि उसके पास घटना वाले दिन राजेन्द्र का वीडियो कॉल आया था। वह खून से सना था और सिर से लेकर पूरे शरीर पर चोट दिख रही थी। तब उसने बताया था कि कमरे के बाहर महावीर, आकाश व रवि खड़े हुए हैं। उसनेअंदर से कुंडी लगा ली है। यह लोग उसे मारना चाहते हैं। उसे बचा लो यह लोग उसे मार डालेंगे। उसके बाद महावीर से बात की तो उसका कहना था कि इससे गेट खुलवा दो इसकी तबीयत खराब है यह काम से भी भाग आया है। इसे हम बस में बैठा रहे हैं। पर उसके बाद राजेन्द्र का कुछ पता नहीं चला और मौत की खबर आई। मृतक के भाई कमल किशोर ने बताया कि उसके भाई को महावीर कुशवाह कर्नाटक में किसी एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में काम दिलाने की कहकर ले गए थे और मारपीट कर हत्या की है। यहां से जाने के बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था और दो दिन बाद मोबाइल ऑन हुआ था और उससे कुछ ही दूरी पर राजेन्द्र घायल मिला था। इसलिए उसकी हत्या करने वालों पर मामला दर्ज किया जाए और उसके बच्चे और पत्नी को नौकरी और मुआवजा दिया जाए। मजदूर की मौत के बाद उसके शव को लक्ष्मीगंज रोड पर रखने के बाद ट्रैफिक जाम कर रहे लोगों से मिलने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधकिारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया। लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद काफी देर तक बातचीत का दौर चला और उसके बाद परिजन मृतक के बच्चों को आर्थिक सहायत व आरोपियों पर कार्रवाई की मांग के बाद ही परिजन माने और रास्ते से शव हटाकर जाम खोल दिया।