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गुरूद्वारे में सजा भव्य दीवान, पावन शब्द कीर्तन की गूंज, धूमधाम से मनाई जा रही गुरूनानक जयंती

कटनी, यशभारत। सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव जी की जयंती प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाश पर्व के रूप में अपार उत्साह एवं उल्लासमय वातावरण में मनाई जा रही है। जयंती के अवसर पर श्री गुरु सिंह सभा कटनी के तत्वावधान में बरही रोड स्थित गुरूद्वारे में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आयोजन में बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग पहुंचकर पुण्यलाभ अर्जित कर रहे हैं। गुरूद्वारे में सुबह से शब्द कीर्तन चलता रहा। यहां आकर्षक एवं सुंदर साज-सज्जा भी की गई है। प्रकाश पर्व गुरूनानक जयंती के अवसर पर आज प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं का दौर भी चला। लोगों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं प्रदान की। दोपहर में लंगर का आयोजन किया गया, जिसमे सैकड़ों लोगों ने प्रसाद पाया। प्रकाश उत्सव के अवसर पर बरही रोड स्थित गुरूद्वारे में सुबह सेे ही बड़ी संख्या में लोगों का आना शुरू हो गया था। यहां पहुंचकर सिख समाज के लोगों ने मत्था टेका। इस दौरान शब्द कीर्तन, अरदास, हुकुमनामा एवं प्रसाद वितरण किया गया। इसके पहले प्रकाशोत्सव के अवसर पर शहर में सोमवार को नगर संकीर्तन शोभायात्रा निकाली गई थी। श्री गुरु सिंह सभा कटनी के प्रधान गुरुचरण सिंह खुराना ने बताया कि गुरु नानक देव जी ने नाम जपो, किरत करो और वंड छको का फलसफा दिया था। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान सिख समुदाय ने निस्वार्थ सेवा का संदेश दिया था, जिसे हमें आगे ले जाना है। सुबह 11 बजे से गुरुद्वारे में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें दीवान खास की समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर आयोजित होगा। इसके बाद संध्या 7 बजे से बच्चों के कार्यक्रम और दीवान का आयोजन होगाए जो रात्रि 11 बजे तक चलेगा।

इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर प्रधान गुरुचरण सिंह खुराना, तेजपाल सिंह भाटिया, अवतार सिंह बाबू टुटेजा, बाबू ग्रोवर, जसप्रीत सिंह लांबा, हरजीत सिंग खुराना, मंजीत सिंह हुंजन, सतवीर भाटिया, जसपाल सिंह मगाट,  अर्जुन सिंह बाजबा, रिंकी खलसा, लकी खलसा, हनी बाजवा, लकी खालसा, लकी ग्रोवर और अन्य पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में सिख समाज और अन्य सामाजिक जनों की उपस्थिति रही।

गुरुनानक देव जी के बताए मार्ग पर आगे बढऩे का संकल्प

1469 ईसवी में सिख धर्म के पहले गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ था। उनका जन्म राय भोई की तलवंडी नाम के गाओं में हुआ था। ये जगह अब पाकिस्तान में मौजूद ननकाना साहिब में है। गुरुनानक देव जी ने नाम जपो, किरत करो और वंड छको का फलसफा दिया था, जिस पर कौम ने अमल किया, कोरोना काल के दौरान पूरे विश्व के लोगों ने देखा कैसे सिख कौम ने सभी वर्ग के लोगों के लिए नि:स्वार्थ सेवा की है और इसी सेवा भाव के संदेश को हमें आगे लेकर जाना है।IMG 20251105 WA0773

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