कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में 14 चीतलों को किया शिफ्ट, कान्हा के सरही परिक्षेत्र से किया कैप्चर

मंडला lकान्हा नेशनल पार्क के चीतलों को प्रदेश के अन्य नेशनल पार्कों में आबाद करने के उद्देश्य से इन्हें शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। योजना के तहत कान्हा टाइगर रिजर्व से प्रदेश के अलग-अलग नेशनल पाकों में चीतलों को शिफ्ट किया जा रहा है।
इसके अंतर्गत कान्हा टाइगर रिजर्व के चीतल अब कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में भी चहल कदमी करेंगे। कूनो में दक्षिण अफ्रीका से लाये गए चीती की मौजूदगी के बीच कान्हा के चीतलों से कूनो उद्यान पर्यटकों को आकृषित करेगा। जिसके लिए कान्हा पार्क से 14 नग चीतल भेजे गए हैं।जानकारी अनुसार कान्हा पार्क के चीतलों को प्रदेश के अन्य नेशनल पार्कों में आबाद करने के उद्देश्य से इन्हें शिफ्ट करने की योजना चल रही है। इसी क्रम में कान्हा के 14 चीतलों को बोमा कैप्चरिंग तकनीक से कैप्चर कर विशेष वाहनों से कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर भेजा गया।
कान्हा पार्क के वनपरीक्षेत्र सरही में संबंधित अधिकारियों की मौजूदगी में इन चीतलों को कूनो को लिए रवाना किया गया। बताया गया कि चीतलों को कैप्चर करने के लिए बोमा तकनीक का उपयोग किया गया। इन्हें बोमा के अंदर ले जाने का कोई प्रयास नहीं किया जाता । वन्य प्राणियों के इस तरह के ऑपरेशन के लिए लंबे समय से तैयारी की जाती है। जंगल के ऐसे क्षेत्र में पहले से बोमा तैयार कर लिया जाता है, जहां शाकाहारी वन्य प्राणियों का समूह मिलता है।
ये वन्यप्राणी स्वयं घास चरते हुए बनाए गए बोमा के अंदर पहुंच जाते हैं। शिफ्टिंग योग्य संख्या में वन्यप्राणियों के बोमा के अंदर पहुंचते ही उसके दोनो मुहानों को बंद कर दिया जाता है। शिफ्टिंग के दौरान सकरे वाले मुहाने पर वाहन लगाकर वन्य प्राणियों को हांका जाता है जिससे वे वाहन में चढ़ जाते हैं।