जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

कलेक्टर ने 45 हजार देकर पीडियाट्रिक एम्बुलेंस से मुंबई भेजा घर में पहली खुशियां लेकर आया बेटा के दिल में निकला सुराख, सरकारी खर्च पर मुंबई में होगा आपरेशन

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

(नवजात के दिल में सुराख होने का पता चलते ही स्वजन घबरा गए लेकिन जिले के मुखिया के सहयोग से मिला नए जीवन)

जबलपुर 2 दिन पहले घर में खुशियों को लेकर आया बेटा के बारे में जब पता चला कि बेटा के हृदय में सुराख और हृदय गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो पूरा परिवार सदमे में आ गया। स्वजन ने हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लिया तो पता चला कि जबलपुर में उपचार संभव नहीं है। महानगरों के निजी अस्पताल में उपचार कराने के लिए लाखों रुपये खर्च की बात सुनकर स्वजन की परेशानी और बढ़ गई।एक ओर गरीबी तो दूसरी ओर घर में आई पहली खुशिया ना जाने किसकी नजर लग गई अब क्या होगा तभी उनके एक परिचित ने केयर बायं कलेक्टर का व्हाट्सएप नंबर 7587970500 दिया तो उन्होंने पूरी बात लिखकर और बालक की फोटो डाल दिया, कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने मैसेज और नवजात शिशु की फोटो देखकर रेडक्रास सचिव श्री आशीष दीक्षित को आदेशित किया कि तत्काल कार्रवाई करें आदेश मिलते ही श्री दीक्षित ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुरारिया को फोन कर तत्काल मदद करने का अनुरोध किया स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कुररिया ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत 24 घंटे के भीतर प्रकरण स्वीकृत कर स्वास्थ्य विभाग ने बच्चे के उपचार के लिए एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल मुंबई भेजा। जिसके बाद ऑपरेशन के लिए वहीं के नारायणा हृदयालय में रेफर किया गया। बच्चे के उपचार व ऑपरेशन में होने वाले पूरा खर्च की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी। मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल 45000 रू एम्बुलेंस को किराया देकर मुंबई के लिए रवाना किया गया । पूरी कार्यवाही में डीईआइएम सुभाष शुक्ला की महत्वपूर्ण भूमिका रही है

यह है मामला

जबलपुर मदन महल निवासी कमलेश साहू की पत्नि ने 13 नवंबर को एक अस्पताल में बेटा को जन्म दिया था। घर पर खुशियां छा गईं किन्तु पता चला कि नवजात शिशु हृदय रोग (दिल में सुराख) से पीड़ित है। यह जानकारी होने पर पूरा परिवार सदमे में चला गया। उनकी खुशियों पर वज्रपात हो गया। शहर के कुछ अस्पतालों में परामर्श लेने के बाद कमलेश साहू को पता चला कि बेटे का उपचार जबलपुर में संभव नहीं है और महानगर के अस्पतालों में उपचार कराने पर लाखों रुपये का खर्च संभावित है। बेटे के उपचार को लेकर परेशान कमलेश ने केयर बायं कलेक्टर में मैसेज किया कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए 2 घंटे के भीतर शिशु को उपचार के लिए मुंबई भेजने का निर्देश दिया। डीईआइएम शुक्ला ने आनन-फानन में प्रकरण तैयार कर वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करते हुए मुंबई के लिए रवाना किया,
कमलेश साहू ने कलेक्टर साहब के प्रति आभार व्यक्त किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button