कई मोहल्लों ने नहीं सुनी सपेरों की बीन, नागपंचमी पर मंदिरों में सुबह से पूजा अर्चना
कटनी, यशभारत। नागपंचमी का पर्व आज शहर सहित समूचे जिले में परंपरागत तरीके से उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आज सुबह से ही घरों में पूजा अर्चना का सिलसिला शुरू हो गया। बड़ी संख्या में लोगों ने मंदिरों में जाकर विधि विधान के साथ ही पूजा अर्चना करते हुए मनोकामना मांगी। नागपंचमी के अवसर पर चंद्रशेखर आजाद वार्ड के गाटरघाट स्थित करमुखा बाबा (नागदेवता) के मंदिर में भी सुबह से ही बड़ी तादात में क्षेत्र और आसपास के श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना करते हुए पुण्यलाभ अर्जित किया। नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। इस साल नाग पंचमी पर काफी शुभ योग बना है। शुभ मूहर्त और योग में लोगों ने पूजन अर्चन किया। नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने के साथ-साथ उन्हें दूध पिलाने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
नागदेवता के दर्शन कर लिया पुण्यलाभ
नागपंचमी के दिन सुबह से ही शहर में सपेरों की बीन सुनाई देने लगती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। राज्य सरकार की सख्ती के बाद अब सपेरों की संख्या कम हो गई है। शहर में कुछेक स्थानों पर ही सपेरे दिखाई दिए, जहां लोगों ने नागदेवता के दर्शन करते हुए विधि विधान के पूजा अर्चना की और पुण्यलाभ अर्जित किया।