जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

आशा कार्यकर्ताओं ने जाना स्तन कैंसर के बारे में: परिवार में कैंसर मरीज रहा हो तो जरूर जांच कराएं

इंडियन मेडिकल ,एसोशियसन जबलपुर की महिला कार्यकर्ताओं ने आशा कार्यकर्ताओं के लिये , कार्यक्रम आयोजित

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जबलपुर, यशभारत। इंडियन मेडिकल ,एसोशियसन जबलपुर की महिला कार्यकर्ताओं ने आशा कार्यकर्ताओं के लिये , कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्तन कैंसर की पहचान और उपचार को लेकर था। विशेष रूप से स्तन कैंसर आज के समय में तेजी के साथ बढ़ रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओंं को बताया जा रहा है कि कोई महिला अपनी जांच कैसे कर सकती है इसकी पहचान कैसे होती है। पूरा कार्यक्रम करीब 4 घंटे तक चला। कार्यक्रम में करीब 300 आशा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।

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महिलाओं को 40 की उम्र के बाद स्क्रीनिंग मैमोग्राम करानी अनिवार्य है । यदि कैंसर का कोई परिवार में इतिहास हो तो ध्यान रहे कि 20-21 साल की आयु में ही हर 3 साल के अंतराल में स्तनों की जांच आवश्यक है । जो महिलाएं हाई रिस्क के अंदर आती हैं उन्हें तो
इसपर विशेष ध्यान देते हुए साल में 1 बार स्क्रीनिंग मैमोग्राम करवानी ही चाहिए ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने के भी कईं साधन हैं, जैसे कि दूसरे कैंसर केसों में प्रयोग होते हैं, जैसे – कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सजज़्री आदि । परंतु अगर केस हाई रिस्क वाला है तो समय-समय पर लक्षणों की जांच की जानी चाहिए और इससे कैंसर की श्रेणी का जल्द से जल्द पता लगने और बेहतर रिकवरी होने की संभावना होती है । ब्रैस्ट कैंसर तेज़ी से बढ़ता एक शारीरिक रोग है । लेकिन इस रोग को टाला जा सकता है अगर सही सावधानी और परामशज़् का पालन किया जाए । सबसे पहले महिलाओं को खुद लक्षणों की जांच करनी चाहिए और अगर कुछ अंतर दिख रहा है तो फौरन जांच करनी चाहिए।

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