आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी के बुरे हाल: 275 अधिकारी-कर्मचारियों की जरूरत 35 से चलाया जा रहा काम
कुलसचिव , उपकुलसचिव और डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद भरे

जबलपुर,। मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक व्यवस्थाएं बेपटरी हो चुकी है। विवि को 275 अधिकारी-कर्मचारियों की जरूरत है लेकिन स्थिति ऐसी है कि सिर्फ 35 कर्मचारी-अधिकारियों के बूते चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था को पटरी में लाने की कवायद हो रही है। रिक्त पदों की वजह से जहां यूनिवर्सिटी प्रबंधन परेशान है तो विद्यार्थियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
यूनिवर्सिटी के खाली पदों को भरने के लिए कवायद अनेक बार हुई परंतु पूरी प्रोसिस भोपाल में जाकर रूक जाती है। इधर एक चर्चा ये भी है कि पदों में भर्ती का खाका यूनिवर्सिटी को तैयार करना है और विवि खुद भर्ती करेगा। यूनिवर्सिटी में भरे पदों की बात करें तो यहां पर कुलसचिव, उपकुलसचिव और डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद भरे हुए हैं। जबकि भृत्य-माली और सुरक्षा गार्ड के पद आऊटसोर्स से भरे गए हैं।
संभागायुक्त, कार्यवाहक कुलपति बना चुकें है रूपरेखा
संभागायुक्त, कार्यवाहक कुलपति बी चंद्रशेखर विवि के खाली पदों को भरने के लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर चुकें हैं। प्रभारी कुलपति ने बताया कि अगले कुछ महीने में विवि को एक नया आकार दिया जाएगा। नए और कुशल कर्मचारी लाए जाएंगे। विवि का पूरा कामकाज ऑनलाइन होता है। लेकिन एक भी आईटी विशेषज्ञ नियुक्त नहीं है। इसके लिए 8-10 विशेषज्ञों का एक आईटी सेल बनाया जाएगा। इसमें प्रतिनियुक्ति के साथ से बाहर से विशेषज्ञ लाए जाएंगे।
ये पद खाली है
रेक्टर,अधिष्ठाता छात्र संगठन, वित्त अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, सहायक कुलसचिव-6 पद खाली, सहायक अभियंता-1, सहायक अभियंता विद्युत-2, अनुभाग अधिकारी-11 पद, बॉयो मेडिकल इंजीनियर-1, कैशियर-3, शीघ्रलेखक-9, सहायक वर्ग-12, सहायवर्ग2- 22, स्टेनो-06, डाटा एंट्री ऑपरेटर- 48 में 13 पद भरे है शेष खाली है।
ये व्यवस्थाएं बेेपटरी हुई
– समय परीक्षा और परिणाम घोषित नहीं हो रहे हैं।
– ऑनलाइन काम रूका हुआ है, कोर्ट संबंधी कामकाज भी प्रभावित।
– सहायक कुलसचिव नहीं होने से प्रशासनिक व्यवस्थाएं बिगड़ गई है।
– विद्यार्थियों को अंकसूचियां नहीं मिल रही है, उत्तरपुस्तिकाएं भी चैक नहीं हो रही है।
– लेखापाल संबंधी सारे कार्य ठप्प हो गए हैं।
– विवि की गोपनीय सुरक्षा भी खतरे में है, ऑऊटसोर्स कर्मचारियों ने ईमेल और ऑनलाइन काम काज कराए जा रहे हैं।