आईपीएल का 18वां सीजन कल से, सटोरियों की नजर, हर चौके-छक्के पर लगेंगे करोड़ों के दांव, माधवनगर में सटोरियों ने शुरू की तैयारी, पुलिस भी चौकस

कटनी, यशभारत। फटाफट क्रिकेट का महाकुंभ आईपीएल यानि (इंडियन प्रीमियर लीग) का 18वां सीजन कल 22 मार्च से शुरू होने जा रहा है। आईपीएल का पहला मुकाबला रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेला जाएगा। हर मैच में चौकों और छक्कों में करोड़ों के दांव लगेंगे। कुछ लोग मुनाफा कमाएंगे तो कुछ लोग बरबाद होंगे। आईपीएल को लेकर सटोरियों ने भी पुलिस की नजरों से बचते हुए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। ऑनलाइन और ऑफलाइन क्रिकेट सट्टा खिलाने के लिए हाईटेक संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए होटलों, अपार्टमेंट और ऐसे स्थानों का चयन किया जाएगा, जहां पुलिस आसानी से न पहुंचती हो।
बताया जाता है कि मैच शुरू होते ही सटोरिए भाव बुक कराने के लिए फोन करने लगते हैं। मैच के दौरान एक बुकी के पास करोड़ों रुपये का सट्टा बुक होता है। मैच के बाद दूसरे दिन सुबह बुकी के आदमी गाड़ी लेकर सट्टा के पैसे वसूलने निकलता है। जीतने वालों को पैसा पहुंचाया जाता है। यह भी पता चला है कि पैसे की वसूली नहीं होने पर बुकी और सटोरियों के लोग गुण्डागर्दी पर भी उतारू हो जाते हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस बार सटोरियों पर उनकी पैनी नजर होगी।
दुबई में तय होता है भाव
सट्टा किंग दुबई में बैठकर भाव जारी करते हंै। हर शहर में उसके कई बुकी रहते हैं। जो किराए के कमरों और होटलों में अड्डा बनाकर सट्टा खिलाते हैं। बुकी के गुर्गे रजिस्टर और कैलकुलेटर लेकर कमरे में टीवी के सामने बैठे हुए फोन पर सट्टा बुक करते हैं। आइपीएल के मैचों में जीत हार से लेकर हर गेंद पर रन, ओवर में कितना बनेगा रन, चौके छक्के, विकेट, कितना रन टीम बनाएगी, कितने ओवर में जीत पर भी सट्टा लगता है।
सटोरियों ने बनाया गिरोह
आईपीएल में सट्टेबाजी इस कदर बढ़ेगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। पिछले कुछ सालों में कटनी जिले खासकर माधवनगर में जिस तरह से युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में आया है, उससे आने वाली पीढ़ी बर्बादी की कगार पर पहुंचती जा रही है। माधवनगर की बात करें तो बड़ी संख्या में युवा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है और अब कई लोग इस गिरोह में शामिल हो गये है।
वसूली में आपराधिक छवि के लोग
शहर में आईपीएल मैच के दौरान सट्टा लगाने वाले कई एजेंट ऐसे हैं, जिनका अपरधिक इतिहास या फिर ऐसे लोगों से कनेक्शन है। यब एजेंट अपराधी किस्म के लोगों के जरिये ही पैसा वसूली करते है और बड़े एजेंट तक पहुंचाते हैं। पूरा नेटवर्क लैपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकॉर्डर समेत अन्य पर चलता है, हालांकि अब ऑनलाइन साइट पर कई ऐसे ऐप आ गये है, जिसके जरिये बुकी के ऐजेंट सट्टा लगाने वालों से रकम लेकर उनकी नई आईडी बनाते हैं और फिर उस आईडी में रकम डालते हैं। कोई दो हजार रुपये से अपनी आइडी खुलवाता है तो कोई 50 हजार से। यह सब ऑनलाइन किया जा रहा है, हालांकि अभी भी कई ऐसे लोग हैं। जो बाजार में घूम-घूम कर मोटी रकम की वसूली करने कर रहे है।
कोड वर्ड पर होता है खेल
सट्टे का बाजार कोड वर्ड का है। खास बात यह है कि सट्टा लगाने वालों को लाइन कहा जाता है। जो एजेंट यानी पंटर के जरिये से बुकी डिब्बे तक बात करता है। एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, इसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोली जाती है। सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, 10 ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते-उतरते रहता है।कटनी, यशभारत। फटाफट क्रिकेट का महाकुंभ आईपीएल यानि (इंडियन प्रीमियर लीग) का 18वां सीजन कल 22 मार्च से शुरू होने जा रहा है। आईपीएल का पहला मुकाबला रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेला जाएगा। हर मैच में चौकों और छक्कों में करोड़ों के दांव लगेंगे। कुछ लोग मुनाफा कमाएंगे तो कुछ लोग बरबाद होंगे। आईपीएल को लेकर सटोरियों ने भी पुलिस की नजरों से बचते हुए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। ऑनलाइन और ऑफलाइन क्रिकेट सट्टा खिलाने के लिए हाईटेक संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए होटलों, अपार्टमेंट और ऐसे स्थानों का चयन किया जाएगा, जहां पुलिस आसानी से न पहुंचती हो।
बताया जाता है कि मैच शुरू होते ही सटोरिए भाव बुक कराने के लिए फोन करने लगते हैं। मैच के दौरान एक बुकी के पास करोड़ों रुपये का सट्टा बुक होता है। मैच के बाद दूसरे दिन सुबह बुकी के आदमी गाड़ी लेकर सट्टा के पैसे वसूलने निकलता है। जीतने वालों को पैसा पहुंचाया जाता है। यह भी पता चला है कि पैसे की वसूली नहीं होने पर बुकी और सटोरियों के लोग गुण्डागर्दी पर भी उतारू हो जाते हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस बार सटोरियों पर उनकी पैनी नजर होगी।
दुबई में तय होता है भाव
सट्टा किंग दुबई में बैठकर भाव जारी करते हंै। हर शहर में उसके कई बुकी रहते हैं। जो किराए के कमरों और होटलों में अड्डा बनाकर सट्टा खिलाते हैं। बुकी के गुर्गे रजिस्टर और कैलकुलेटर लेकर कमरे में टीवी के सामने बैठे हुए फोन पर सट्टा बुक करते हैं। आइपीएल के मैचों में जीत हार से लेकर हर गेंद पर रन, ओवर में कितना बनेगा रन, चौके छक्के, विकेट, कितना रन टीम बनाएगी, कितने ओवर में जीत पर भी सट्टा लगता है।
सटोरियों ने बनाया गिरोह
आईपीएल में सट्टेबाजी इस कदर बढ़ेगी, किसी ने सोचा भी नहीं था। पिछले कुछ सालों में कटनी जिले खासकर माधवनगर में जिस तरह से युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में आया है, उससे आने वाली पीढ़ी बर्बादी की कगार पर पहुंचती जा रही है। माधवनगर की बात करें तो बड़ी संख्या में युवा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है और अब कई लोग इस गिरोह में शामिल हो गये है।
वसूली में आपराधिक छवि के लोग
शहर में आईपीएल मैच के दौरान सट्टा लगाने वाले कई एजेंट ऐसे हैं, जिनका अपरधिक इतिहास या फिर ऐसे लोगों से कनेक्शन है। यब एजेंट अपराधी किस्म के लोगों के जरिये ही पैसा वसूली करते है और बड़े एजेंट तक पहुंचाते हैं। पूरा नेटवर्क लैपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकॉर्डर समेत अन्य पर चलता है, हालांकि अब ऑनलाइन साइट पर कई ऐसे ऐप आ गये है, जिसके जरिये बुकी के ऐजेंट सट्टा लगाने वालों से रकम लेकर उनकी नई आईडी बनाते हैं और फिर उस आईडी में रकम डालते हैं। कोई दो हजार रुपये से अपनी आइडी खुलवाता है तो कोई 50 हजार से। यह सब ऑनलाइन किया जा रहा है, हालांकि अभी भी कई ऐसे लोग हैं। जो बाजार में घूम-घूम कर मोटी रकम की वसूली करने कर रहे है।
कोड वर्ड पर होता है खेल
सट्टे का बाजार कोड वर्ड का है। खास बात यह है कि सट्टा लगाने वालों को लाइन कहा जाता है। जो एजेंट यानी पंटर के जरिये से बुकी डिब्बे तक बात करता है। एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, इसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोली जाती है। सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, 10 ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते-उतरते रहता है।
