
जबलपुर यशभारत। पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा की कायज़्प्रणाली को लेकर जोन के पुलिस अधिकारी सकते में है, सख्त रवैया अपनाने के कारण दुष्प्रचार का खेल आईजी के खिलाफ हो रहा है। प्रकरणों की विवेचनाओं में हो गलती और, आरोपियों को सजा न मिलने पाने के कारण न्यायालय में भी पुलिस वरिष्ठ अधिकारियों को जवाब देने में परेशानी हो रही है। पिछले दिनों पुलिस अधीक्षक सिवनी, नरसिंहपुर, जबलपुर और छिंदवाड़ा, कटनी को अलग अलग मामलों में एडीजी और डीजी पत्र आए हैं जिसमें प्रकरणों की विवेचनाओं को प्रमुखता से लिखा गया है। मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के पत्रों का परिपालन कराने के लिए आईजी लगातार पुलिस अधीक्षक सहित सीएसपी और थाना प्रभारियों से समीक्षा कर रहे हैं। पुलिस महानिरीक्षक सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों को भी गंभीरता से ले रहे हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि आईजी ने पिछले दिनों सभी जोन के पुलिस अधीक्षकों को निदेज़्श जारी कर कहा था कि सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों को शिविर लगाकर निपटाए जाए। पीडि़तों को न्याय मिलने में देरी न हो।
मालूम हो कि आईजी की कायज़्प्रणाली किसी से छिपी नहीं है। आईजी उमेश जोगा के पास जब रीवा संभाग का प्रभार था उन्होंने नशे के कारोबार पर सबसे पहले चोट की। आईजी के एक्शन में आते ही सबसे पहले गांजा तस्करों की शामत आई और उन्होंने नशे के कारोबार पर प्रतिबंध लगाया। आईजी ने अपने सूचना तंत्र से गंाजा तस्करों पर शिकंजा कस दिया था। यही काम आईजी ने जबलपुर और कटनी जिले में भी किया लेकिन यहां पर कमाई का जरिया बना चुकें पुलिस अधिकारियों को आईजी की यह सक्रियता पसंद नहीं आ रही है। आईजी निष्क्रिय हो जाए इसलिए दुष्प्रचार किया जा रहा है। यहां जानने वाली बात यह है कि आईजी ने 15 अगस्त के मौके पर ऐसे अधिकारियों को पुरस्कृत किया है जो अच्छाकाम कर रहे हैं लेकिन ऐसे अधिकारियों को फटकार भी लगाई है जो काम में लापरवाही कर रहे हैं।
थाना प्रभारी काम नहीं करना चाहते हैं
आईजी लगातार उन थाना प्रभारियों की क्लास लगा रहे हैं जो सालों से एक ही थाने में पदस्थ है। इनके द्वारा काम करने की वजाए बहाने बनाए जा रहे हैं। ऐसे थाना प्रभारियों की क्लास लेने के बाद उनके उच्चाधिकारी नाराज हो रहे हैं। जिसके कारण आईजी के खिलाफ दुष्प्रचार किया जाता है।
गांजा की छापामारी से दरोगा परेशान होते हैं
आईजी लगातार जबलपुर और कटनी जिले में गांजा की तस्करी को रोकने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। जिलों की साइबर टीमें गांजा तस्करों पर नजर रखकर आरोपियों को पकड़ रही है लेकिन यही बात थानों के दरोगा को पंसद नहीं आती है। दरोगा के नाराज होने से उच्च अधिकारी भी हैरान रहते हैं।