जबलपुरमध्य प्रदेश

अभी भी संभलने की जरूरत: डेंगू-वायरल का बढ़ रहा प्रकोप, कोरोना संदिग्ध पहुंचे मेडिकल

सभी की रिपोर्ट आई निगेटिव

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जबलपुर, यशभारत। अभी कोरोना की दूसरी लहर से बेहतर ढंग से जीना भी शुरू नहीं कर पाए कि तीसरी लहर को लेकर माथे में सिलविटे भी साफ नजर आने लगी है। चिंता की बात यह है कि कल नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल के सुपर स्पेशिलिटी में 7 कोरोना के संदिग्ध केस सामने आए है। हालांकि सभी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है लेकिन चिकित्सकों का मानना है कि सातों केस में बीमारी के लक्षण वैसे ही जैसे कोरोना मरीज के होते हैं। इसमें मंडला निवासी एक महिला की मौत हुई जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। चिंता और आहत दोनों है, लेकिन अभी भी लोगों को जागरूकता के साथ अपना बचाव करते रहना चाहिए। वहीं दूसरी ओर डेंगू और वायरस के प्रकोप से लोग काफी परेशान है। रोज निजी अस्पतालोंं में डेंगू और वायरस मरीजों की संख्या बढ़ रही है। दोनों बीमारियों से निजात कब मिलेगी और कोरोना संदिग्ध की जानकारी कहीं खतरे की घंटी तो नहीं है।

मौसम के बदलते ही बीमारियों का स्वरूप भी बदल गया है। कोरोना नियत्रिंत तो हो गया है।लेकिन विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर की चेतावनी के बाद जहां सरकार ने इससे निपटने के लिए वृहद स्तर पर तैयारी भी शुरू कर दी है वहीं ऐसे में एक सवाल उठ रहा है कि यदि जबलपुर में तीसरी लहर कहर बरपाती है तो प्रभावित मरीजों को कहां और कैसे भरती किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने वृहद स्तर पर तैयारी कर रखी है। मेडिकल, विक्टोरिया और मनमोहन नगर में पूरी व्यवस्था की हुई है। यह तैयारी दूसरी लहर के दौरान ही कर ली गई थी। जिला प्रशासन का कहना है कि हम तो पूरी तरह से सतकज़् हैं।

संभावना के हिसाब से तैयारी पूरी है।
सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया का कहना है कि संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही तैयारी कर रखी है। मेडिकल कालेज अस्पताल, विक्टोरिया चिकित्सालय, मनमोहन नगर ,रानी दुगाज़्वती कोविड केयर सेंटर केन्द्र समेत विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की गई है । 3 हजार पलंग का इंतजाम किया हुआ है। बच्चों के लिए पीआईसीयू की संख्या बढ़ा रहे हैं। निजी चिकित्सालय में भी डेढ़ सौ से भी ज्यादा पलंग बढ़ाए जा रहे हैं। इसके अलावा विक्टोरिया में 20 बिस्तरों का एचडीयू और बच्चों के लिए पीआईसीयू की विशेष व्यवस्था की जा रही है।

एल्गिन में भी बच्चों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। सभी ब्लाकों में आक्सीजन की व्यवस्था की गई है। विक्टोरिया पूरी तरह से आक्सीजन से लैस है हमने संभावनाओं को देखते हुए पूरी तैयारियां कर रखी हैं और अब लोगों को सहयोग करना होगा और बीमारी को लेकर जागरूक होना होगा। सरकारी हो या निजी अस्पताल दोनों पर ही कोरोना की संभावित लहर की तैयारी के साथ डेंगू पीडि़तों के इलाज की जिम्मेवारी बढग़ई है वहीं स्थानीय निकाय नगर निगम पर भी इससे निपटने की जिम्मेदारी आ गई है।

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