अनुकंपा नियुक्ति में लापरवाही: कोर्ट ने लगाई फटकार तो अनुकंपा नियुक्ति होेने लगी, कुछ दिन बाद सब भूले
शिक्षा विभाग अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे अनुकंपा आश्रित

जबलपुर। जनवरी फरवरी माह में अचानक ही लोक शिक्षण संचालनालय से आदेश आ गया कि जितने भी अनुकंपा नियुक्ति के मामले लंबित है उन्हें फलां तारीख तक निपटाओ। इसके बाद तत्काल जिलों में शिविर लगने लगे।विगत 10 वर्षों से सारे कर्मचारी संघ अनुकम्पा नियुक्ति के लिए निवेदन करते रहे कुछ न हुआ। सभी आश्चर्य चकित भी थे और खुश भी थे कि चलो अनुकंपा नियुक्ति के लिए कुछ तो हुआ। प्रयोगशाला सहायक पद पर नियुक्ति का ऐसा रास्ता भी निकल आएगा ये तो किसी ने सोचा तक न था। आयुक्त के डीईओ को रिमाइंडर आने लगे। धड़ाधड़ जिलों से प्रयोगशाला सहायक,भृत्य पद पर नियुक्ति के आर्डर भी 10-20 की संख्या में निकलने लगे। शिक्षा मंत्री का तो एक विज्ञापन भी आ गया सोशल मीडिया में। लगा बड़ा मानवीय और संवेदनशील हो गया है हमारा शिक्षा विभाग। पर सच्चाई सामने आई कि एक अनुकंपा मामले में अवमानना लगी है आयुक्त पर, जेल जाने तक की नोबत है,इसी लिए अगली पेशी से पहले कुछ किया है ये दिखाने के लिए विगत 10 वर्षों से लगी कुम्भकर्णीय नींद टूटी है। पेशी हुई जेल जाने से बच गए तो अब क्या, फिर जहां के तहां। जिस दिन से पेशी हुई उस दिन के बाद से एक भी अनुकंपा नियुक्ति का आर्डर किसी भी जिले द्वारा नही किया गया। अब जिनके हो गए वो भाग्यशाली और जिनके नही हुए वो चक्कर काट रहे।
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