अगले चुनाव की बिसात बिछा गए मुख्यमंत्री और पटवारी, गर्म रही जिले की सियासी तासीर, एक दूसरे पर पैनी निगाह, सियासत की हॉटसीट बना है कटनी

कटनी, यशभारत। जिले में सियासत का पारा कल उछाल पर रहा। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की जिले के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में मौजूदगी ने भाजपा और कांग्रेस की राजनीतिक तासीर को गर्म रखा। दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता तो अपनी अपनी पार्टी के आयोजनों में सक्रिय रहे किंतु उनकी नजर दूसरे दल के मुखिया पर बराबर लगी रही कि वे अपनी स्पीच में किस खास बात का जिक्र कर रहे हैं। बड़वारा में सूबे के मुखिया डॉ मोहन यादव ने 233 करोड़ के कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन की सौगातों के साथ कटनी के विकास में कोई कसर बाकी न रखने का वायदा किया तो बहोरीबंद में कांग्रेस के मुखिया जीतू पटवारी आदिवासियों को उनका हक दिलाने के भरोसे के साथ राहुल गांधी के वोट चोरी कैंपेनिंग को धार देते नजर आए। कुल मिलाकर जिले का पूरा राजनीतिक परिदृश्य अभी से अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की ओर बढ़ चला है।
विधानसभा चुनाव में जिले की चारों सीटों पर कब्जा करने के बाद भाजपा के लिए जिले के विकास की बड़ी योजनाओं को मूर्त रूप देने की चुनौती है। उसे हर हाल में अपना परफार्मेंस बेहतर रखना होगा, तभी 2028 के चुनाव में वह अपना प्रदर्शन बरकरार रख सकेगी। सूबे के मुखिया डॉ मोहन यादव जानते हैं कि अगले विधानसभा चुनाव के हिसाब से यह लक्ष्य आसान नहीं है, इसलिए उन्होंने अभी से अपनी स्पीच में कांग्रेस को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। बड़वारा की सभा में उन्होंने सांदीपनी विद्यालय की सौगात के साथ कांग्रेस पर सीधा हमला किया कि उनकी सरकारों के राज में बच्चे घर से टाटपट्टी लेकर स्कूल जाते थे और स्कूल भवन जर्जर होने की वजह से पेड़ों के नीचे कक्षाएं लगती थी। डॉ मोहन यादव जानते हैं कि प्रदेश की सत्ता में भाजपा की वापसी में लाडली बहना एक बड़ा कारण बनी है, लेकिन यह दांव 2028 में चल पाएगा या नहीं इसका लेकर संदेह ज्यादा है। यही वजह है कि वे विकास के एजेंडे पर फोकस करते हुए जनता से संवाद कायम कर रहे है। दिग्विजय राज की याद दिलाते हुए वे कहते हैं कि तब प्रदेश में न चलने लायक सड़क थी और न बिजली। भाजपा ने बीमारू राज्य को विकासशील मध्यप्रदेश की राह पर दौड़ा दिया। डॉ मोहन यादव यह भी जानते हैं कि पार्टी ने हेमंत खंडेलवाल के रूप में संगठन में भी उनकी पसंद का साथी दे दिया है अब अगले विधानसभा चुनाव की बिसात उन्हें ही बिछाना होगी। छंटवी बार प्रदेश की सत्ता में पार्टी का परचम डॉ मोहन यादव की नीतियों की सवारी के साथ फहरेगा। इसीलिए सीएम हर परिस्थिति पर चौकस निगाह रख रहे हैं। एक तरह से प्रदेश में सत्ता के साथ संगठन के भी वे ही खेवनहार हैं।
पटवारी के दौरे से कांग्रेस में स्फूर्ति का संचार
उधर कटनी दौरे पर आए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कटनी जिले की कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार कर दिया। संगठन में फेरबदल के बाद वैसे भी पार्टी में सक्रियता नजर आ रही है, इस पर जीतू पटवारी के कटनी प्रवास से जो माहौल बना उसका लाभ संगठन को आने वाले दिनों में अवश्य मिलेगा। जिस गर्मजोशी के साथ कार्यकर्ताओं ने पटवारी का स्वागत किया उसे देखकर तो यही प्रतीत होता है कि भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस खुदको तैयार कर रही है। विधानसभा चुनाव में अभी 3 साल का वक्त है लेकिन कांग्रेस के सामने चुनौती बड़ी है। जिले की चारों सीटों पर उसे शिकस्त मिली है, ऐसे में पार्टी को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपना मजबूत नेटवर्क खड़ा करना है। जीतू पटवारी ने शहर कांग्रेस द्वारा रखे गए अभिनंदन समारोह में शामिल होकर कार्यकर्ताओं को मैदानी मेहनत करने का संदेश दिया तो बहोरीबंद में आयोजित कुंवर शंकरशाह रघुनाथ शाह के स्मृति कार्यक्रम में शामिल होकर उन्होंने आदिवासियों के हितों की लड़ाई का कांग्रेसी एजेंडा क्लियर किया। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो आदिवासियों का हक दिलाकर रहेंगे। इसके अलावा भाजपा सरकार की नीतियों की खुली मुखालफत भी उन्होंने की। बहोरीबंद में कांग्रेस नेता के स्वागत में उमड़ी भीड़ ने निश्चित ही भाजपा को चौंका दिया होगा। आने वाले समय में कांग्रेस जिले के हर विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से रोडमैप तैयार कर सक्रिय होगी। ऐसे साथी तलाशने का काम भी अंदर ही अंदर शुरू हो चुका है जो 3 साल बाद की चुनावी सियासत के लिहाज से मुफीद हों।









